OBC Caste census मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में सहयोगियों को विरोधी सुर अलापने का क्रम जारी है। एनडीए की महत्वपूर्ण सहयोगी दल जनता दल (यू) ने विपक्ष का साथ देते हुए जातिगत जनगणना करने की मांग की है।
तीसरे कार्यकाल में पूर्ण बहुमत की सरकार न आने के कारण प्रधानमंत्री मोदी को सहयोगियों के दवाब में आना पड़ रहा है। सरकार को ऐसे भी निर्णय लेने पड़ रहे हैं तो प्रधानमंत्री मोदी के स्वभाव में नहीं हैं।
OBC Caste census यूपीएससी में लेटलर एंट्री के लिए 45 पदों के विज्ञापन को वापस लेना पड़ा
OBC Caste census सरकार को जदयू और लोजपा (रामविलास) के दवाब में यूपीएससी में लेटलर एंट्री के लिए 45 पदों के विज्ञापन को वापस लेना पड़ा था।
18वीं लोकसभा के गठन के बाद गठित संसदीय समितियों ने काम करना शुरू कर दिया है। भाजपा सदस्य गणोशंिसह की अध्यक्षता वाली अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण संबंधी संसदीय समिति की समिति की बैठक बुलायी गयी थी। आज की बैठक में समिति की वर्ष 2024-25 के लिए एजेंडा तय कर करने के लिए बुलायी गयी थी। विपक्षी सदस्यों ने ‘जाति आधारित जनगणना’ विषय को चर्चा के लिए एजेंडा में शामिल करने की मांग की।
सूत्रों ने बताया द्रविण मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के सदस्य टीआर बालू ने समिति की पहली बैठक में यह मुद्दा उठाया। उसके बाद कांग्रेस सदस्य मणिकम टैगोर उनका समर्थन किया कि और कहा कि समिति चर्चा के लिए सबसे पहला विषय ‘जाति आधारित जनगणना’ को सूचीबद्ध करे। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य कल्याण बनर्जी ने उनका समर्थन किया।
इसके बाद सरकार की सहयोगी पार्टी ने जनता दल (यू) ने भी विपक्ष का समर्थन किया। जदयू के सांसद गिरधारी यादव ने भी अपनी तरफ से एजेंडा में ‘जाति आधारित जनगणना’ मुद्दा को सूचीबद्ध किया जाए। टीएमसी नेता कल्याण बनर्जी ने मांग की कि समिति ‘जाति आधारित जनगणना’ कराए जाने के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखे। क्योंकि जनगणना गृहमंत्रालय को करानी है।
भाजपा के एक सदस्य ने कहा कि आरक्षण के दायरे में अनुबंध और अस्थायी आधार पर की जाने वाली भर्तियां और तदर्थ नियुक्तियों को भी शामिल किया जाना चाहिए।
मालूम हो कि जदयू जातिगत जनगणना के पक्ष में है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में जातिगत जनगणना करायी थी और लोकसभा चुनाव में यह एक मुद्दा भी बना था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं।