Generation Z फाइनेंस ट्रेंड में बदलाव का इंजन बन रहा है ज़ूमर्स

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Writer : Anup Seth Chief Distribution Officer

Generation Z : मौजूदा दौर में जनरेशन Z भारत के आर्थिक विकास को गति देने वाली सबसे बड़ी ताकत के रूप में उभर रहा है, जिसे जेन Z या ज़ूमर्स Zoomers के नाम से भी जाना जाता है। ज़ूमर्स बड़े पैमाने पर अपने प्रभाव और फाइनेंस से जुड़ी अपनी खास आदतों के साथ न केवल मौजूदा ट्रेंड्स को आकार दे रहे हैं, बल्कि फाइनेंशियल प्लानिंग के मायने को भी बदल रहे हैं।

Generation Z डिजिटल भुगतान में 32% और क्रेडिट लेन-देन में 33% योगदान

देस की कुल आबादी में जेन Z Generation Z की हिस्सेदारी 22 से 25% है, जो देश में कुल डिजिटल भुगतान digital payment में 32% और क्रेडिट लेन-देन में 33% योगदान देते हैं। इससे भी बड़े आश्चर्य की बात यह है कि, भारत में पहली बार म्यूचुअल फंड में निवेशक करने वालों में इनकी हिस्सेदारी 54% है।

वे फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स को जल्दी अपनाने के साथ-साथ निडर होकर अपनी आर्थिक स्थिति को संभालते हैं, और यही बात उन्हें दूसरों से अलग बनाती है। आइए फाइनेंस से जुड़े मामलों में उनके रवैये को प्रोत्साहन देने वाले कुछ महत्वपूर्ण बातों पर एक नज़र डालें: –

डिजिटल नैटिव्स

डिजिटल युग में जन्म लेने के कारण

Generation Z को फाइनेंस से जुड़ी अपनी रोज़मर्रा की गतिविधियों में टेक्नोलॉजी के सहज तरीके से उपयोग का अवसर मिला है, जिनमें से 80% लोग डिजिटल बैंकिंग (KPMG) सेवाओं का उपयोग करते हैं। खरीदारी के लिए ई-कॉमर्स का उपयोग करना उनकी आदत बन चुकी है, जहाँ बस एक क्लिक में शॉपिंग करना बड़ी सामान्य बात है। देखा जाए तो, यह कुछ हद तक इंश्योरेंस जैसे साधनों को सामान्य रूप से नापसंद करने की एक बड़ी वजह है, क्योंकि तुलनात्मक रूप से इसे खरीदने में अधिक समय लगता है और आमतौर पर तीसरे पक्ष की मदद की भी जरूरत होती है।

अधिक जोखिम लेने वाले

इस पीढ़ी के युवा नई-नई चीजों को आज़माने के लिए तैयार रहते हैं, भले ही इसमें जोखिम अधिक हो। कुछ नया जानने की उनकी इच्छा ही अक्सर उनकी जोखिम उठाने की क्षमता को बढ़ाती है, और इसी वजह से क्रिप्टोकरेंसी तथा NFTs जैसे नए एसेट क्लास की ओर उनका झुकाव कहीं अधिक है। वास्तव में, Groww द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के नतीजे बताते हैं कि जेन Z Generation Z के 65% लोग अधिक रिटर्न की संभावना को ध्यान में रखकर बड़े उत्साह के साथ जोखिम भरा निवेश करते हैं। वे अक्सर सस्टेनेबिलिटी को अनदेखा करते हैं और अपने पोर्टफोलियो में संतुलन बनाए बिना सिर्फ अधिक जोखिम वाले एसेट्स पर निर्भर रहते हैं, जिससे वे असुरक्षित हो जाते हैं। वे लंबे समय की आर्थिक जरूरतों के बजाय, लाइफस्टाइल को ध्यान में रखकर कम समय के लिए किए जाने वाले निवेश में ज्यादा रुचि रखते हैं।

शानदार लाइफस्टाइल की चाहत

वे भौतिक संपत्ति की तुलना में शान बढ़ाने वाले बेमिसाल अनुभवों को कहीं ज़्यादा अहमियत देते हैं, साथ ही सोशल मीडिया के लगातार बढ़ते दबावों से जूझते रहते हैं। डेलॉइट के रिसर्च से पता चलता है कि भारत में जेन Z Generation Z के 70% लोग ट्रैवल करने और बाहर खाने में निवेश करना पसंद करते हैं। YOLO और FOMO की भावना उन्हें बंजी जंपिंग और स्काईडाइविंग जैसी अधिक खतरे वाली गतिविधियों का आनंद लेने के लिए प्रेरित करती है, जिससे खर्च की जरूरत भी बढ़ जाती है।

कम समय के लक्ष्य को ध्यान में रखने और अधिक जोखिम उठाने की इच्छा (ज़िंदगी के साथ-साथ फाइनेंस से जुड़ी आदतों में भी) को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि, इस पीढ़ी के युवाओं के लिए सुरक्षा को फाइनेंस से जुड़ी अपनी आदतों का सबसे अहम घटक बेहद जरूरी है। आइए जानें कि क्यों जेन z को इंश्योरेंस खरीदने पर विचार करना चाहिए:

सुरक्षा की जरूरत

अगर आपको भी जोखिम उठाना पसंद है — फिर बात चाहे इन्वेस्टमेंट की हो या फिर ज़िंदगी को खुलकर जीने की बात हो— तो ज़रा इस बात पर गौर करें: ऊँची उड़ान वाले हर जोखिम भरे काम के लिए सुरक्षा जाल की जरूरत होती है। मान लीजिए कि आपने कम उम्र में ही बड़ी पूंजी जमा कर ली है, लेकिन अचानक सेहत से जुड़ी समस्याओं की वजह से यह सब कुछ खत्म हो जाता है। ऐसे मौकों पर ही लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस आपके काम आता है— वे सिर्फ सुरक्षा के साधन नहीं हैं, बल्कि वे फाइनेंस से जुड़ी आपकी योजनाओं के लिए सबसे बड़ा सहारा हैं। यह सब कुछ आपके अरमानों और स्मार्ट तरीके से जोखिम प्रबंधन के बीच तालमेल बनाने पर निर्भर है, क्योंकि अपने भविष्य को सुरक्षित बनाना भी अपने सपनों को पूरा करने जितना ही रोमांचक है।

मौजूदा आर्थिक चुनौतियों को संभालना

मौजूदा दौर में शिक्षा की बढ़ती लागत और बढ़ते कर्ज जैसी आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए, इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स की तरह आय के दूसरे साधन और सेविंग्स पॉलिसी हमारे लिए बेहद मददगार साबित होते हैं। वे आर्थिक उतार-चढ़ाव के असर को कम करते हैं, जिससे आप शिक्षा, करियर और अपनी निजी प्रगति पर ध्यान देने के साथ-साथ कर्ज और लोन को भी बड़ी आसानी से चुका सकते हैं।

एंटरप्रेन्योरशिप के जज़्बे को बनाए रखना: हाल ही में जारी 2024 इंस्टाग्राम ट्रेंड टॉक रिपोर्ट से यह बात सामने आई है कि, भारत में जेन Z Generation Z के युवा मानते हैं कि एंटरप्रेन्योरशिप ही बड़ी पूंजी जमा करने का सबसे बेहतर साधन है। 2022 आउटलुक टूलाना यूथ सर्वे के नतीजे भी यही बताते हैं, जिसमें दिखाया गया है कि 90% उत्तरदाता स्टार्ट-अप को आशाजनक करियर के विकल्प के रूप में देखते हैं, जिनमें से ज्यादातर लोग दूसरों को रोजगार देने और अपनी खुद की कंपनी के मालिक बनने के संकल्प से प्रेरित हैं।

आय के जरिये में बदलाव की भी जरूरत

एंटरप्रेन्योरशिप में यकीन से कुछ कह पाना बेहद मुश्किल है, जिसे देखते हुए इस पीढ़ी के युवाओं के लिए इंश्योरेंस की अहमियत और बढ़ जाती है। उन्हें न केवल आमदनी के दूसरे साधन की सख्त जरूरत है, बल्कि सामने आने वाली अनचाही असफलताओं और बाजार के उतार-चढ़ाव से बचने के लिए आय के जरिये में बदलाव की भी जरूरत है। इस तरह की सुरक्षा से उन्हें अपनी कड़ी मेहनत और निडर होकर किए गए निवेश के सुरक्षित रहने का भरोसा मिलता है, और वे बुलंद हौसले के साथ अपने सपनों को पूरा करने में सक्षम बन जाते हैं।

इंश्योरेंस इंडस्ट्री ने काफी प्रगति की है

इस पीढ़ी के युवाओं को आसान और सहज तरीके से खरीदारी का अनुभव पसंद है, जिसे ध्यान में रखकर इंश्योरेंस इंडस्ट्री ने भी पिछले कुछ सालों में काफी प्रगति की है। इन दिनों प्रोडक्ट्स की संरचना भी बेहद सरल हो गई है, जिसमें एक ही प्रोडक्ट के तहत लोगों की अलग-अलग तरह की जरूरतों के लिए ढेर सारे सॉल्यूशंस उपलब्ध कराए जाते हैं। अब कागजी कार्रवाई के बाजार डिजिटल तरीकों को अपनाने की वजह से खरीदारी का अनुभव काफी बेहतर हुआ है, और भी बहुत से मामलों में सुधार आया है। इस पीढ़ी के युवाओं के लिए इंश्योरेंस की खरीद को सरल और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए परामर्श देने का तरीका भी बदल गया है।

उदाहरण के लिए, वेब एग्रीगेटर बाजार में उपलब्ध विकल्पों के बारे में जानने के लिए एक प्रभावी माध्यम की भूमिका निभाते हैं और लोगों को अपनी खरीदारी के बारे में खुद से फैसला लेने में सक्षम बनाते हैं। प्रोडक्ट खरीदने के बाद ग्राहकों की चिंताओं को कम करने के लिए इंश्योरेंस पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सिस्टम जैसी नई पहलों की शुरुआत की गई है।

टर्म और हेल्थ इंश्योरेंस से इसकी शुरुआत करें

इसलिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि, जनरेशन Z Generation Z इंश्योरेंस insurance से जुड़ी जटिलताओं के बारे में अपने मन में पहले से बसी सोच को दूर करे और इस साधन के ज़रिये जोखिम को अच्छी तरह संभालने की दिशा में कदम बढ़ाए। आइए आज ही टर्म और हेल्थ इंश्योरेंस से इसकी शुरुआत करें!

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