Demonetization : क्या नोटबंदी पूरी तरह असफल रही, पीएम ने भी नहीं दी बधाई


Demonetization आठ साल पहले आज के ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रात आठ बजे नोटबंदी की घोषणा कर अफरातफरी मचा दी। लेकिन आठ बाद अन्होंने एक शब्द भी नहीं कहा। क्या अनका यह फैसला गलत था। क्या यह स्कीम पूरी तरह से असफल रही ?

Demonetization : 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट बंद


Demonetization आठ नवंबर का दिन देश की अर्थव्यवस्था के इतिहास में एक खास दिन के तौर पर दर्ज है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2016 में इसी दिन रात आठ बजे दूरदर्शन के जरिए देश को संबोधित करते हुए 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट बंद करने का ऐलान किया था। तत्कालीन सरकार ने उस समय ऐसा करने के जो कारण बताए थे उनमें डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढावा देना और भ्रष्टाचार तथा काले धन पर रोक लगाने के लिए नकद लेनदेन को कम करना शामिल था।


नोटबंदी की यह घोषणा उसी दिन आधी रात से लागू हो गई। इससे कुछ दिन देश में अफरातफरी का माहौल रहा और बैंकों के बाहर लंबी कतारें लगी रहीं। बाद में 500 रुपये और 2000 रुपये के नये नोट जारी किए गए। सरकार ने ऐलान किया कि उसने देश में मौजूद काले धन और नकली मुद्रा की समस्या को समाप्त करने के लिए यह कदम उठाया है।


नोटबंदी ने एमएसएमई और असंगठित क्षेत्र को तबाह करके एकाधिकार का रास्ता साफ किया : राहुल


लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि नोटबंदी ने सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) और असंगठित क्षेत्र को तबाह करके एकाधिकार का मार्ग प्रशस्त किया है। उन्होंने कहा कि भारत में आठ साल पहले के मुकाबले अधिक नकदी का इस्तेमाल अनवरत जारी है। विपक्षी दल कांग्रेस ने नोटबंदी के आठ साल पूरे होने पर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह ‘नॉन बायोलॉजिकल’ प्रधानमंत्री द्वारा अर्थव्यवस्था को दिया गया पहला झटका था जिससे देश की अर्थव्यवस्था ने गति खो दी। ़
राहुल ने कहा, ‘भारत आज आठ साल पहले की तुलना में अधिक नकदी का उपयोग कर रहा है जब नोटबंदी लागू की गई थी।’ गांधी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ाोटबंदी ने एमएसएमई और असंगठित क्षेत्र को तबाह करके एकाधिकार का मार्ग प्रशस्त किया।’ कांग्रेस के पूर्व प्रमुख ने कहा कि व्यवसायों के लिए भय का माहौल बनाने वाली अक्षम और गलत इरादे से तैयार नीतियां भारत की आर्थिक क्षमता को खत्म कर देंगी। गांधी ने एक चार्ट भी साझा किया जिसमें दिखाया गया है कि कैसे जनता के पास मौजूद नकदी 2013-14 में सकल घरेलू उत्पाद के 11 प्रतिशत से गिरकर 2016-17 में आठ प्रतिशत रह गई थी, लेकिन 2020-21 में यह बढकर सकल घरेलू उत्पाद का 14 प्रतिशत हो गई।
चार्ट से पता चलता है कि 2022-23 में जनता के पास नकदी सकल घरेलू उत्पाद का 12 प्रतिशत थी। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘आज ‘नॉन बायोलॉजिकल’ प्रधानमंत्री द्वारा अर्थव्यवस्था को दिए गए पहले झटके और अर्थव्यवस्था के गति खोने की शुरुआत की 8वीं वषर्गांठ है।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘एमएसएमई बर्बाद हो गए और लाखों लोगों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। यह एक तुगलकी कदम था जिससे व्यापक तबाही हुई। काले धन पर बिल्कुल भी प्रभाव नहीं पड़ा और आज अर्थव्यवस्था में पहले से कहीं अधिक नकदी प्रचलन में है।’’
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर यह भी कहा, ‘‘इस ‘नोटबंदी के काले दिन’ पर हम लाखों भारतीयों द्वारा सामना की गई कठिनाइयों को याद करते हैं।’’ विपक्षी पार्टी ने कहा, ‘‘अचानक लागू की गई नीति ने अर्थव्यवस्था को बाधित करके इसे नुकसान पहुंचाया जिसका स्थायी प्रभाव पड़ा, खासकर गरीबों और मध्यम वर्ग पर।’’ एक अन्य पोस्ट में पार्टी ने नोटबंदी के दौरान कथित तौर पर जान गंवाने वाले लोगों की कुछ कहानियां साझा कीं। एक अन्य पोस्ट में पार्टी ने कुछ भाजपा नेताओं का एक वीडियो साझा किया जिसमें वह नोटबंदी के दौरान लोगों के अपनी जान गंवाने की घटनाओं को कथित तौर पर कम महत्व की घटना बता रहे हैं।


अखिलेश यादव ने भाजपा पर साधा निशाना


समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नोटबंदी के आठ साल पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुये कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास में इसके नाम पर एक पूरा अध्याय सिर्फ काले रंग से ही छापा जाएगा। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास में नोटबंदी के नाम पर एक पूरे-का-पूरा अध्याय सिर्फ काले रंग से ही छापा जाएगा। आज नोटबंदी की 8वीं सालगिरह के ठीक एक दिन पहले ही, कल रुपया डॉलर के मुकाबले सबसे कमजोर स्थिति में आ गया। जनता पूछ रही है क्या ये नोटबंदी की नाकामयाबी की वजह से हुआ या भाजपा की नकारात्मक नीतियों की वजह से।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब क्या भाजपाई फिर ये कहेंगे कि देश के इतिहास में रुपया डॉलर के मुकाबले सबसे निचले स्तर पर पहुंचकर ‘रिकार्डतोड़’ नहीं गिरा है बल्कि डॉलर ऊपर उठा है।’’ यादव ने कहा, ‘‘भाजपा ने अर्थव्यवस्था को अनर्थव्यवस्था बना दिया है। रुपया कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!’’


तेजस्वी ने मृतकों को श्रद्धांजलि दी तेजस्वी यादव ने


राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को उन लोगों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने नोटबंदी के बाद अमान्य हो चुके नोट जमा करने के लिए बैंकों के बाहर ‘‘लगी लंबी कतारों में अपनी जान गंवा दी’’। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में व्यंग्यात्मक लहजे में ‘बरसी’ शब्द का भी इस्तेमाल किया जो पुण्यतिथि पर आयोजित की जाने वाली रस्म है। उन्होंने कहा कि इसी दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को अमान्य घोषित किया था।
यादव ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि आप लोगों को याद है या नहीं। लेकिन आज आठ नवंबर है, एक बड़ा दिन है। यह नोटबंदी की बरसी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज के दिन मैं उन लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं जिन्होंने लंबी कतारों में खड़े होकर अपनी जान गंवाई। बड़े-बड़े दावे किए गए थे कि काला धन खत्म कर दिया जाएगा। लेकिन वादे खोखले साबित हुए।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि इसके बजाय भारतीय जनता पार्टी ने देशभर में जमीन खरीदीं और उन पर भव्य पार्टी कार्यालय बनाए, जो संभवत: काले धन से बनाए गए।

input PTI

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