Artificial Intelligence : आने वाले दिनों में संसद parliament के दोनों सदनों की कार्यवाही में कृतिम मेधा यानि AI की भूमिका होगी। सदस्यों को एआई की मदद से रीयल टाइम में उनकी भाषा में भाषण सुनने को मिलेंगे और चुटकियों में किसी भी भाषा में क्रांस्क्रिप्शन भी मिलेगी।
Artificial Intelligence ओवरटेक कर रहा है AI
आज पूरे वि में एआई हावी हो रहा है। एआई के कारण लोगों कार्य क्षमता में कई गुना इजाफा हुआ है। संसदीय व्यवस्था में भी एआई के उपयोग की कोशिश शुरू हो गयी है। अभी तक लोकसभा loksabha और rajyasabha राज्यसभा में ट्रांसलेशन का काम द्विभाषिये करते हैं। यानि कोई सांसद तमिल में बोल रहा है तो उनका 22 भाषाओं में अनुवाद करने के लिए अनुवादक बैठे होते हैं। उनके भाषण को रिपोर्टर लिखते हैं और उसे प्रकाशित करने में काफी समय लग जाता है।
एआई के उपयोग से रीयल टाइम में किसी वक्ता की आवाज में ही दूसरी भाषाओं में भाषण सुनाया जा सकता है और साथ-साथ उसके लिखित स्वरूप में उपलब्ध हो जाएगा। आज एआई कुछ ही सेंकेंड में किसी भी भाषा में अनुवाद कर सकता और आवाज की क्लोनिंग की कर सकता है।
लोकसाभ के महासचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि एआई को भारतीय भाषाओं के अनुसार प्रशिक्षिता किया जा रहा है। उन्होंने उदाहरण दिया कि कोई सांसद महिला सशक्तिकरण कहते हैं तो कुछ महिला विकास कहते हैं। एआई को प्रशिक्षित किया जा रहा है कि वह दोनों का मतलब एक निकाले। उन्होंने कि भारत में भाषाओं और बोलियों की भिन्नता है। एआई को उसी तरह से सिखाया जा रहा है। यह प्रक्रिया जैसे पूरी होगी, वैसे ही लोकसभा और राज्यसभा की माइक्रोन से अनुवादकों की जगह एआई की आवाज सुनायी देगी।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि जैसे ही संसद में एआई का उपयोग शुरू होगा वैसे ही विधानसभाओं में भी डिजिटलीकरण और एआई के उपयोग की कोशिशें की जाएगी।