ayodhya diwali 2024 श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार अयोध्या में दिवाली मनायी जा रही है। इस बार सरयू नदी के किनारे राम पैड़ी और आसपास 25 लाख दीये जलाकर दीपोत्सव का रिकार्ड बनाया गया
ayodhya diwali 2024 मुख्यमंत्री योगी ने स्वयं जलाया दीया
अयोध्या में सरयू नदी के तट पर बुधवार को आठवें ‘दीपोत्सव‘ ayodhya deepotsav के अवसर पर एक नया वि रिकॉर्ड बनाने की कोशिश में एक साथ लाखों मिट्टी के दीये जलाए गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस समारोह का नेतृत्व किया । उन्होंने अपने मंत्रियों और अन्य के साथ मिलकर कुछ दीये जलाये और दीपोत्सव की शुरूआत की।
पहली दीवाली
इस साल की शरुआत में 22 जनवरी को राम लला मंदिर Ram mandir में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद से यह पहला दीपोत्सव है। इस भव्य अवसर के लिए पूरी अयोध्या सजी हुई थी और भगवान राम के ‘राम राम जय राजा राम‘ के भक्ति संगीत से मंदिर नगरी गूंज रही थी। योगी आदित्यनाथ बुधवार शाम श्रीराम मंदिर भी पहुंचे। उन्होंने सर्वप्रथम मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के दर्शन किये, फिर उनके चरणों में श्रद्धा निवेदित की। इसके पश्चात उन्होंने प्रभु के समक्ष दीप प्रज्वलित किए। बाहर भी मुख्यमंत्री ने पांच-पांच दीप जलाए। वहीं मंदिर प्रांगण में हजारों दीप प्रज्ज्वलित किए गए।
अयोध्या दीपोत्सव
सोशल मीडिया ‘एक्स‘ पर भी इस उत्सव को खूब पसंद किया गया और यह ‘सबका उत्सव, अयोध्या दीपोत्सव’ हैशटैग के साथ ‘ट्रेंड’ कर रहा है। अयोध्या बुधवार को तब उत्सव के माहौल में सराबोर हो गई, जब आठवें दीपोत्सव समारोह के तहत रामायण के पात्रों की जीवंत झांकियों के साथ एक जुलूस मंदिर नगरी से गुजरा। झांकी के तहत श्री राम के सीता और लक्ष्मण हनुमान (रामायण के पात्रों) के साथ ‘पुष्पक विमान‘ (हेलीकॉप्टर) से अयोध्या पहुंचने पर योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य ने उनका स्वागत किया। भगवान राम के रथ को मुख्यमंत्री और अन्य लोगों ने राम दरबार स्थल तक खींचकर पहुंचाया। आदित्यनाथ ने बाद में उनकी आरती उतारी।
शोभायात्रा निकाली
बुधवार को छोटी दीपावली के अवसर पर अयोध्या में बुधवार को भव्य दीपोत्सव समारोह के तहत झांकियों की एक शोभायात्रा निकाली गई। रामायण के प्रसंगों को दर्शाती झांकियों में देशभर के शास्त्रीय नर्तकों की प्रस्तुति ने राम पथ पर अपना जादू बिखेरा। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि साकेत महाविद्यालय से राम कथा पार्क तक निकाली गई 18 विशेष झांकियां इस दीपोत्सव का मुख्य आकषर्ण रहीं। प्रदेश के पर्यटन मंत्री ठाकुर जयवीरंिसह ने झांकियों को झंडी दिखाकर रवाना किया।
जमकर आतिशबाजी भी हुइ
इन झांकियों में रामचरितमानस के विभिन्न प्रसंगों को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया। झांकियों के दृश्य को हर कोई अपने मोबाइल में कैद करता दिखा। इस दौरान रामपथ पर रंग-गुलाल उड़ने के साथ जमकर आतिशबाजी भी हुई। इस भव्य शोभायात्रा में साकेत महाविद्यालय के छात्रों ने पुत्रेष्टि यज्ञ से लेकर श्रीराम के राजतिलक तक के विभिन्न प्रसंगों को बड़े ही सुंदर ढंग से झांकियों के रूप में प्रस्तुत किया। इन झांकियों में न केवल श्रीराम के जीवन के महत्वपूर्ण अध्यायों का दर्शन कराया गया बल्कि उनमें शामिल कलाकारों के अभिनय ने दृश्य को और भी जीवंत बना दिया।
18 झांकिया
प्रवक्ता के मुताबिक झांकियों का यह सफर साकेत महाविद्यालय से शुरू होकर अयोध्या के प्रमुख चौराहों से गुजरते हुए राम कथा पार्क पर सम्पन्न हुआ। महोत्सव में साकेत महाविद्यालय की 18 झांकियों में से 11 झांकियां सूचना विभाग की ओर से और सात झांकियां पर्यटन विभाग द्वारा तैयार की गई हैं। पर्यटन विभाग द्वारा सजाई गई झांकियों में तुलसीदास रचित रामचरितमानस के सात अध्यायों- बालकांड, अयोध्या कांड, अरण्य कांड, किंिष्कधा कांड, सुंदर कांड, लंका कांड और उत्तर कांड पर आधारित सुंदर दृश्य प्रस्तुत किए गए हैं, जो श्रद्धालुओं को रामायण के विभिन्न प्रसंगों का सार समझाने में सहायक हैं।
इस आठवें दीपोत्सव में श्रीराम की शिक्षा, सीता-राम विवाह, वन गमन, भरत मिलाप, शबरी प्रसंग, अशोक वाटिका, हनुमान का लंका गमन, शक्तिबाण लगने से लक्ष्मण का मूर्छित होना, रावण वध, अयोध्या आगमन और दीपोत्सव पर आधारित झांकियों का विशेष प्रदर्शन किया जा रहा है।
शोभायात्रा के राम पथ पर आगे बढते ही स्थानीय लोगों ने सड़क के दोनों तरफ खड़े होकर पुष्पवष्रा की राज्य सरकार ने बुधवार शाम अयोध्या में सरयू के तट पर 28 लाख से ज्यादा दीये प्रज्वलित कर वि रिकॉर्ड कायम करने की योजना बनायी थी। अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने स्थानीय कारीगरों से 28 लाख दीये मंगवाए हैं, ताकि अगर किसी कारण से 10 प्रतिशत दीये खराब भी हो जाएं तो भी 25 लाख दीये प्रज्वलित करने का लक्ष्य हासिल किया जा सके। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में अयोध्या में यह आठवां दीपोत्सव कार्यक्रम होगा। सरकार ने घाटों पर पांच से छह हजार लोगों की मेजबानी की व्यवस्था की थी। अन्य लोगों हेतु कार्यक्रम के सीधा प्रसारण के लिए 40 विशाल एलईडी स्क्रीन लगाई गईं। दीपोत्सव का उद्देश्य धार्मिक नगरी के आध्यात्मिक, पारंपरिक और सांस्कृतिक सार को प्रदर्शित करना है। इस कार्यक्रम में छह देश म्यांमा, नेपाल, थाईलैंड, मलेशिया, कंबोडिया और इंडोनेशिया के कलाकार भी प्रस्तुति देंगे।
इनपुट पीटीआई