Baba Siddique : बिहार में घड़ी रिपेयर करते थे बाबा सिद्दीकी, लारेंस ने मरवाया? अजीत पवार गुट राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी मूल रूप से बिहार के गोपालगंज gopalganj के रहने वाले और वहां घड़ी रिपेयर का काम करते थे। उन्होंने शिक्षा से वंचित लोगों के लिए 40 निशुल्क केंद्र खोले थे।
Baba Siddique : बिहार में घड़ी रिपेयर करते थे बाबा सिद्दीकी, लारेंस ने मरवाया?लारेंस गुट पर शक
बाबा सिद्दीकी की शनिवार की शाम कुछ अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी है। पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस को शक है हत्या लारेंस विश्नोई Lawrence Bishnoi गुट ने करायी है।
पुस्तैनी घर गोपालगंज में
बाबा सिद्दिकी का पुश्तैनी घर गोपालगंज में है। गोपालगंज जिले के मांझा प्रखंड के शेखटोली गांव में उनका परिवार रहता था। उन्होंने अपने जीवन के शुरुआती पांच साल गोपालगंज के शेख टोली गांव में बिताया था। बाबा सिद्दीकी किशोरावस्था और युवावस्था के दौरान पिता अब्दुल रहीम सिद्दीकी के साथ घड़ी रिपेयर करने का काम करते थे।
पिता मुम्बई शिफ्ट हो गये
पिता ने जब मुंबई शिफ्ट होने का फैसला किया तो बाबा सिद्दीकी भी परिवार के साथ मुंबई आ गए। बाबा सिद्दीकी ने मुंबई को अपना कर्म क्षेत्र बनाया और महाराष्ट्र की राजनीति में उनका एक बड़ा राजनीतक कद रहा है। एक बिहारी होकर मुंबई की राजनीति में उन्होंने बहुत बड़ा नाम किया था।
तीन बार विधायक रहे
बाबा सिद्दीकी 1999, 2004 और 2009 में लगातार तीन बार विधायक MLA रहे और 2004-08 तक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, श्रम और एफडीए राज्य मंत्री के रूपमें भी कार्य किया।
पिता के नाम पर अब्दुल रहीम सिद्दीकी मेमोरियल ट्रस्ट की शुरुआत की
बाबा सिद्धिकी ने बहुत पहले कहा था कि वह अपने गांव के लिए कुछ करना चाहते हैं। इसके बाद उन्होंने अपने पिता के नाम पर अब्दुल रहीम सिद्दीकी मेमोरियल ट्रस्ट की शुरुआत की थी।बाबा सिद्दीकी ने कहा था कि शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के लिए आया हूं। मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसमें जाति और धर्म आड़े नहीं आएगी। फिर भी वे अपने घर को नहीं भुला पाए थे। उन्हीं की तरह वह भी अपने गांव से उतना ही प्रेम करते थे। वह कहते थे कि बिहार शिक्षा की धरती है। मेहनत के बदौलत बिहार के लोग देश और दुनिया में अपना परचम लहरा रहे हैं।
13000 बच्चों को निशुल्क पढ़ा रहे थे
बाबा सिद्दीकी के भतीजे मोहम्मद गुफरान ने बताया कि बाबा सिद्दीकी ने बिहार के सभी जिलों में करीब 12 से 13 हजार बच्चे निशुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। हर केंद्र पर 300 से 400 बच्चे नामांकित है। उन्होंने बताया कि चार दिन पहले जब उनसे बात हुई थी तो उन्होंने कहा था कि वे महाराष्ट्र चुनाव होने के बाद गोपालगंज आएंगे।
छह साल पहले अपने पुश्तैनी घर गये थे
करीब 6 साल पहले 2018 में सिद्दीकी अपने पुश्तैनी घर आकर गांववालों से गर्मजोशी से मिले थे। पुश्तैनी घर और जमीन से सिद्दीकी आखिरी वक्त तक जुड़े रहे। बाबा सिद्धिकी ने कुछ साल पहले अपने बचपन को याद करते हुए फेसबुक पर पोस्ट भी किया था। बाबा सिद्दीकी ने 25 जून 2020 को फेसबुक पर कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा था, मेरे पिताजी का जन्म बिहार गोपालगंज मांझा में हुआ था, मुझे मांझा में बचपन की यादें हैं। 83 लोगों के परिवारों के लिए मेरी हार्दिक संवेदना है जो बिजली के वोल्ट के कारण गुजर गए. इन कठिन समय में मैं बिहार के लोगों के लिए दुआ करता हूं। मांझा में पिछली यात्रा से कुछ तस्वीरें साझा कर रहा हूं।
शेखटोली के लोगों के लिए मसीहा
बाबा सिद्धिकी के निधन के बाद गोपालगंज में उनके पैतृक गांव शेखटोली में शोक की लहर है। गांववाले सिद्दीकी को गरीबों का मसीहा बता रहे हैं। इसके साथ वे उनकी हत्या करने वाले दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग भी कर रहे हैं।
मुंबई पुलिस को है लॉरेंस बिश्नोई का हाथ होने का संदेह
मुंबई पुलिस ने कहा है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या के पीछे गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की संलिप्तता हो सकती है। बिश्नोई गिरोह के सदस्यों पर इस साल की शुरुआत में अभिनेता सलमान खान की हत्या की कोशिश करने का आरोप लगा था। पुलिस ने बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान हरियाणा के गुरमेल बलजीत सिंह (23 वषर्) और उत्तर प्रदेश के धर्मराज राजेश कश्यप (19 वषर्) के रूप में की गयी है।
कुछ दिन पहले हथियार और पैसे दिये गये थे
मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने बताया कि पुलिस विभिन्न कोणों से मामले की जांच कर रही है। मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के वरिष्ठ अधिकारी मामले के दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आरोपियों को उनके अपराध के लिए अग्रिम भुगतान किया गया था। हत्या में सहायता के लिए उन्हें कुछ दिन पहले हथियारों की आपूर्ति मिली थी।
तीसरे अपराधी की तलाश
पुलिस फिलहाल हत्या के मामले में तीसरे अपराधी की तलाश कर रही है। जांच में मदद के लिए फोरेंसिक टीमें भी घटनास्थल पर काम कर रही हैं। मामले की जांच के लिए शहर पुलिस ने पांच टीमें बनाई हैं। वहीं, तीसरे फरार आरोपी की पहचान हो गई है। बाबा सिद्दीकी पर कुल छह गोलियां चलाई गईं, जिनमें से तीन गोलियां उन्हें लगीं। कथित तौर पर इस वारदात में इस्तेमाल की गयी 9.9 एमएम की बंदूक पुलिस ने बरामद कर ली है।
15 दिन पहले जान से मारने की धमकी मिली
मुंबई पुलिस ने कहा, बाबा सिद्दीकी को 15 दिन पहले जान से मारने की धमकी मिली थी, जिसके बाद उनकी सुरक्षा बढ़ाकर वाई श्रेणी कर दी गई थी। निर्मल नगर में कोलगेट ग्राउंड के पास उनके विधायक पुा जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर बाबा सिद्दीकी पर हमला हुआ। पूर्व राज्य मंी को लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
कांग्रेस से राकांपा में गये थे
बाबा सिद्दीकी इस साल की शुरुआत में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद हाल ही में अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में शामिल हुए थे। बाबा सिद्दीकी बांद्रा पश्चिम विधानसभा क्षेा से तीन बार विधायक रहे, लेकिन 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार आशीष शेलार से हार गए थे। उन्होंने 1992 से 1997 तक लगातार दो कार्यकालों के लिए नगर निगम में भी कार्य किया था। वर्ष 2000 की शुरुआत में कांग्रेस-राकांपा सरकार के दौरान, बाबा सिद्दीकी ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, श्रम, खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए), और उपभोक्ता संरक्षण राज्य मंत्री जैसे पदों पर कार्य किया था।
दया नायक करेंगे जांच
इस बीच, मुख्यमंी एकनाथ ¨शदे ने घोषणा की है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले की सुनवाई फास्ट-ट्रैक अदालत में होगी। उन्होंने बताया कि एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दया नायक घटना की जांच करेंगे।
इनपुट – वार्ता