Bangladesh Protest Reason: बांग्लादेश में आजकल श्रीलंका वाली हालत हो गयी है। विद्रोही प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठक टेबल पर टांग रखकर और विस्तर में लेट कर मजे ले रहे हैं। प्रधानमंत्री शेख हसीना इस्तीफा देकर भारत आ चुकी हैं। सेना का सरकार पर कब्जा हो गया है। अब तक 100 लोगों की जान जा चुकी है। हिंदुओं और मंदिरों को भी निशाना बनाया जा रहा है।
Bangladesh Protest Reason: आखिर क्या है मामला
बांग्लादेश में युवाओं का सड़कों पर उतर कर हिंसा फैलाने के पीछे आरक्षण का मामला है। बांगलादेश के सुप्रीम कोर्ट supreme court ने आरक्षण खत्म कर दिया और केवल स्वतंत्रता सेनानी, जातीय अल्संख्यक और विकलांकों के लिए 7 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की और 93 प्रतिशत सरकारी नौकरियों को आरक्षण से मुक्त कर दिया है।
छात्र नेता नावेद को अधमरा किया
शेख हसीना sheikh hasina सरकार ने आरक्षण समर्थन छात्र आंदोलन के नेता नावेद को उठाकर उसे अधमरा कर नाले के किनारे छोड़ दिया था, लेकिन स्थानीय लोगों ने उसे बचाया और अस्तपाल भेज दिया। पुलिस ने उसे अस्पताल से ही उठा लिया। इससे छात्रों में और भी रोष बढ़ गया।
कौन से शेख हसीना
शेख हसीना बंगबंधु और बांग्लादेश के जन्मदाता शेख मुजीबुर्रहमान की बेटी हैं। 1996 से 2001 और 2009 से अब तक वह बांग्लादेश की पीएम रही हैं। उन्होंने एक तरफा चुनाव लड़ा। उनके विरोधी जेल में हैं। विपक्षी दलों ने चुनाव का बहिष्कार किया था। उनकी तानाशाही के विरोध में बांग्लादेश में गुस्सा बढ़ता जा रहा था।

हिंसा में 100 से अधिक मरे
why Bangladesh is burning? ढाका तथा अन्य हिस्सों में कर्फ्यू लगा है कि लेकिन फिर भी हिंसा फैल रही है। अब तक 100 लोगों की जान जा चुकी है। अनेक घायल हो चुके हैं। पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया है। शेख हसीना ने कहा कि ये स्टुडेंट नहीं है, आतंकी हैं। आज जब सेना ने भी अल्टीमेटम दिया तो शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया और भारत आ गयी। अब वह लंदन जाएगी।
छात्रों को एक सूत्रीय आंदोलन
पिछले महीने के आरक्षण विरोधी आंदोलन के दौरान विद्यार्थियों पर हुए अत्याचार को लेकर शेख हसीना के इस्तीफे की एक सूत्री मांग के साथ भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के बैनर तले प्रदर्शनकारियों ने असहयोग आंदोलन शुरू किया है।
विद्यार्थियों ने लंबे मार्च का आवान किया है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सरकार ने रविवार शाम छह बजे से अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया है। इसके साथ ही मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी लगा दी गयी है।
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