CJI Pollution भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण air pollution के बढते स्तर के कारण उन्होंने सुबह की सैर पर जाना बंद कर दिया है।
CJI Pollution मैंने 24 अक्टूबर से सुबह की सैर पर जाना बंद कर दिया है
CJI Pollution सीजेआई चंद्रचूड़ ने उच्चतम न्यायालय में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि उनके चिकित्सक ने उन्हें सुबह बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है, क्योंकि सांस संबंधी बीमारियों से बचने के लिए घर के अंदर रहना ही बेहतर है। वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, मैंने 24 अक्टूबर से सुबह की सैर पर जाना बंद कर दिया है। मैं आमतौर पर सुबह चार-सवा चार बजे के आसपास सैर के लिए जाता हूं।देश के 50वें सीजेआई 10 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उन्होंने शीर्ष अदालत की कार्यवाही की रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों को मान्यता देने के लिए कानून की डिग्री होने की अनिवार्य शर्त को खत्म करने की भी घोषणा की।
AI की शुरूआत
उन्होंने कहा कि मान्यता प्राप्त पत्रकारों को अब अपने वाहन उच्चतम न्यायालय परिसर में खड़ा करने की सुविधा मिलेगी। उन्होंने रिकॉर्ड और न्यायिक प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण और शीर्ष अदालत के फैसलों का अनुवाद विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में करने में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की शुरूआत के बारे में भी बात की। सीजेआई ने कहा कि जिला अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश निर्णयों के एआई के जरिये अनुवादों में सुधार में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण से न्यायाधीशों को अपने आईपैड पर और यहां तक कि उड़ानों में भी केस फाइल पढने में मदद मिली है। सेवानिवृत्ति के बाद की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर, सीजेआई ने कहा कि वह पहले कुछ दिन आराम करेंगे।
पराली जलाने को लेकर एक महीने में 13.25 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया :
पंजाब प्रदूषण नियंतण्रबोर्ड (पीपीसीबी) ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को बताया कि 15 सितंबर से 23 अक्टूबर तक राज्य में पराली जलाने में शामिल पाए जाने वालों पर 1,254 प्राथमिकी दर्ज की गईं और 13.25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। अपनी रिपोर्ट में पीपीसीबी ने यह भी कहा कि राज्य सरकार लगातार स्थिति की निगरानी कर रही है और इसके अलावा पराली जलाने की रोकथाम के लिए अपने प्रवर्तन तंत्र में सुधार के लिए कदम उठा रही है।
इससे पहले एनजीटी ने पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण के संबंध में एक समाचार पत्र की खबर पर स्वत: संज्ञान लिया था। इसने जमीनी स्तर पर की गई प्रभावी कार्रवाई के संबंध में पीपीसीबी से नियमित अपडेट मांगा था।
पीपीसीबी के सदस्य सचिव गुंिरदरंिसह मजीठिया द्वारा हस्ताक्षरित रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजाब कानून का पालन करने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है। इसमें कहा गया है कि 15 सितंबर से 23 अक्टूबर के बीच संबंधित अधिकारियों ने पराली जलाने में संलिप्त लोगों के खिलाफ 1,254 प्राथमिकी दर्ज कीं और इसके अलावा 13.25 लाख रुपये का पर्यावरण जुर्माना लगाया गया, जिसमें से 11.67 लाख रुपये वसूल किए गए। इसमें कहा गया है कि राज्य पराली जलाने से रोकने के लिए अपने प्रवर्तन तंत्र की निरंतर निगरानी और सुधार कर रहा है।