Content Creator यूटय़ूब, ब्लॉग, एफिलियेट मार्केटिंग, ई-कामर्स, डिजिटल digital मार्केटिंग के लिए विदेशों से विदेशी मुद्रा में मोटी आमदनी करने वाले सावधान हो जाएं। इनकम टैक्स वाले आपको ढूंढ रहे हैं। जल्दी ही सबके मेल पर आयकर की तरफ से मेल आने वाला है ।
डिजिटल इकोनोमी बढ़ रही है
इनटरनेट के युग में डिजिटल इकोनोमी बढ़ रही है। देश में डिजिटल इकोनोमी 2014 में 4.5 प्रतिशत थी और अब 20 प्रतिशत हो गयी है। 2017 से 2023 के बीच डिजिटल इकोनोमी 50 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। 2028 तक देश में डिजिटल इकोनोमी 1 ट्रिलियन डॉलर तक पंहुच जाएगी।
इनकम डिक्लेयर नहीं की
भारत में युवा पीढ़ी डिजिटल इकोनोमी में बढावा देने में मदद कर रही है। युवा पीढ़ी इंस्टाग्राम, फेसबुक, यूट्यूब, ब्लॉग आदि से लाखों डॉलर कमा रहे हैं। कुछ कंटेट क्रियेटर तो इनकम टैक्स जमा कर रहे हैं लेकिन कुछ नहीं कर रहे हैं। कुछ जानबूझ कर नहीं कर रहे है तो कुछ को पता नहीं है। जो ग्रामीण क्षेत्र के कंटेंट क्रियेटर हैं, उन्हें जानकारी नहीं हैं।
आपके पैन कार्ड से मिल जाती है जानकारी
जब आप ब्लॉग, यूट्यूब, या मेटा को मोनटाइज करते हैं तो आपको अपने बैंक और पेन कार्ड की डिटेल देनी होती है। जब आपके खाते में धन आता है इसकी सूचना आयकर विभग को मिल जाती है।
जिन्होंने खुलासा नहीं किया
आयकर विभाग ने कहा कि कि जिन करदाताओं ने आकलन वर्ष 2024-25 के लिए अपने आईटीआर में उच्च मूल्य की विदेशी आय या संपत्ति का खुलासा नहीं किया है, उन्हें इस बारे में बताने के लिए एक अभियान शुरू किया गया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने करदाताओं को अपने आयकर रिटर्न (आईटीआर) में अनुसूची विदेशी संपत्ति (अनुसूची एफए) को सही ढंग से भरने और विदेशी स्रेतों (अनुसूची एफएसआई) से आय के बारे में बताने के लिए आकलन वर्ष (एवाई) 2024-25 के लिए अनुपालन-सह-जागरूकता अभियान शुरू किया है।
ई मेल से दी जाएगी जानकारी
सीबीडीटी ने एक बयान में कहा कि सूचनात्मक संदेश उन निवासी करदाताओं को एसएमएस और ईमेल के जरिए भेजे जाएंगे, जिन्होंने पहले ही आकलन वर्ष 2024-25 के लिए अपने आईटीआर जमा कर दिए हैं। बोर्ड ने बताया कि ये संदेश द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समझौतों के तहत मिली जानकारी के जरिये पहचाने गए व्यक्तियों के लिए हैं। इस जानकारी से पता चलता है कि इन व्यक्तियों के पास विदेशी खाते या संपत्ति हो सकती है, या संभव है कि उन्हें विदेश से आमदनी हुई हो।
इसका उद्देश्य उन लोगों को याद दिलाना और मार्गदर्शन करना है, जिन्होंने आंकलन वर्ष 2024-25 के लिए अपने प्रस्तुत रिटर्न में अनुसूची विदेशी संपत्ति को पूरी तरह से पूरा नहीं किया है, विशेष रूप से उच्च मूल्य वाली विदेशी संपत्तियों से जुड़े मामलों में। यह पहल विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है और करदाता अनुपालन को सरल बनाने और मानवीय संपर्क को कम करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए आयकर विभाग की प्रतिबद्धता को उजागर करती है।
सूचना के स्वचालित आदान-प्रदान के माध्यम से प्राप्त डेटा का लाभ उठाकर, विभाग एक अधिक कुशल, करदाता-अनुकूल पण्राली बनाने के लिए काम कर रहा है।
आर्थिक विकास में करें योगदान
सीबीडीटी को उम्मीद है कि सभी पात्र करदाता अपनी कर जिम्मेदारियों को पूरा करने और देश के आर्थिक विकास में योगदान देने के लिए इस अवसर का लाभ उठाएंगे। यह प्रयास न केवल विकसित भारत के लिए सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है, बल्कि पारदर्शिता, जवाबदेही और स्वैच्छिक अनुपालन की संस्कृति को भी बढ़ावा देता है। विदेशी संपत्तियों की अनुसूची को पूरा करने के बारे में विस्तृत, चरण-दर-चरण मार्गदर्शन के लिए, करदाताओं को आधिकारिक आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जहाँ उनकी सहायता के लिए संसाधन और सहायता आसानी से उपलब्ध हैं ।
इनपुट -पीटीआई