Deepseek AI : जैसे कि उम्मीद थी, चीन की तरफ से भी AI की एंट्री हो गयी है। चीन की स्टार्टअप ने DeepSeek Deepseek R1, Deepseek V3 chatbot एआई बनाकर हंगामा कर दिया है। अमेरिका के शेयर बाजार में कोहराम मचा है। एक ही दिन में 13 लाख डॉलर का नुकसान हो गया। चैटजीबीटी और अमेजन की हालात खस्ता है।
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Deepseek AI चीन अमेरिका के बीच कंपीटीशन
चीनी China स्टार्टअप डीपसीक के नए कृत्रिम बुद्धिमत्ता चैटबॉट ने AI के विकास में चीन और अमेरिका के बीच फिर से प्रतिस्पर्धा शुरू हो गयी है। यूजर ओपनएआई के चैटजीपीटी के प्रतिद्वंद्वी का परीक्षण कर रहे हैं। डीपसीक का ‘एआई असिस्टेंट’ मंगलवार दोपहर ऐपल के आईफोन स्टोर पर डाउनलोड किया जाने वाला पहले नंबर का मुफ्त ऐप बन गया और इसकी शुरुआत के कारण अमेरिकी शेयर बाजार (वॉल स्ट्रीट) में बड़ी गिरावट देखी गई।
चीन के मामलों में सेंसर है
चीनी चैटबॉट का अंतिम प्रभाव अभी भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह संवेदनशील चीनी विषयों पर उत्तरों को सेंसर करता प्रतीत होता है, जो आमतौर पर चीन के इंटरनेट पर देखा जाता है।
लियांग एक प्राइमरी स्कूल टीचर के बेटे हैं
DeepSeek, एक चीनी AI स्टार्टअप, अब सिलिकॉन वैली में हलचल मचा रहा है, जहां इसे OpenAI जैसे स्थापित दिग्गजों के मुकाबले एक मजबूत प्रतिद्वंदी के रूप में देखा जा रहा है। इस बदलाव के केंद्र में लियांग वेनफेंग हैं, जो DeepSeek के संस्थापक और CEO हैं। लियांग, जो एक प्राइमरी स्कूल टीचर के बेटे हैं, ने अपनी दूरदृष्टि और नेतृत्व क्षमता से DeepSeek को एआई नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी बना दिया है।
उनके नेतृत्व में, DeepSeek ने अपना DeepSeek-R1 नामक क्रांतिकारी ओपन-सोर्स एआई मॉडल लॉन्च किया है, जिसने वैश्विक तकनीकी समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है। यह मॉडल OpenAI के समकक्ष प्रदर्शन प्रदान करता है, लेकिन इसकी लागत कहीं अधिक सस्ती है। इस उपलब्धि ने न केवल पश्चिमी तकनीकी कंपनियों की प्रभुत्व को चुनौती दी है, बल्कि चीनी एआई नवाचार की बढ़ती क्षमता को भी साबित किया है।
लियांग वेनफेंग की सफलता यह दर्शाती है कि एआई उद्योग को पुनः आकार देने की क्षमता अब पूरी दुनिया में मौजूद है, और DeepSeek अपनी लागत-कुशल लेकिन अत्याधुनिक एआई समाधानों के साथ वैश्विक तकनीकी क्षेत्र में गहरी छाप छोड़ रहा है।
चीन ने 2023 में ऐसे नियम जारी किए थे जिनमें कंपनियों को अपने उत्पादों को सार्वजनिक रूप से शुरू करने से पहले सुरक्षा समीक्षा करने और अनुमोदन प्राप्त करने की आवश्यकता थी। चीन और अमेरिका के चैटबॉट पूछे जाने वाले प्रश्नों का उत्तर अपने हिसाब से अलग-अलग तरीके से देते हैं।
chatgpt आज भी बाइडन को अमेरिकी राष्ट्रपति मानता है
लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति का नाम पूछे जाने पर दोनों ही चैटबॉट ने गलती से डोनाल्ड ट्रंप की जगह जो बाइडन का नाम लिया। चीनी सैनिकों ने 1989 में बींिजग के तियानमेन चौराहे पर छात्रों के नेतृत्व में लोकतंत्र के समर्थन में उतरे प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की थी जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे।
इस मुद्दे पर पूछे गए सवाल पर डीपसीक के चैटबॉट ने कहा,क्षमा चाहता हूं, यह मेरे वर्तमान दायरे से परे है। चलो कुछ अलग बात करते हैं। लेकिन चैटजीपीटी ने आधुनिक चीनी इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण और दुखद घटनाओं में से एक पर विस्तृत उत्तर दिया। चैटबॉट ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की पृष्ठभूमि और हताहतों की अनुमानित संख्या के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इसी तरह ताइवान के चीन का हिस्सा होने या न होने से संबंधित सवाल पर भी दोनों चैटबॉट ने अलग-अलग जवाब दिए।
Nvidia का बैंड बजा
Nvidia के लिए अब काफी चिंताएं बढ़ गई हैं, खासकर जिस तरीके से उनकी वैल्यूएशन बढ़ी थी। Nvidia एक समय पर दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बन चुकी थी, अगर आप मार्केट वैल्यूएशन के हिसाब से देखें तो यह 35 ट्रिलियन डॉलर की कंपनी बन गई थी। लेकिन कल, अचानक से, कंपनी के शेयरों में 100 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ, जो एक बड़ा झटका था।
सोमवार को अमेरिकी बाजार खुलते ही इसका असर सीधा Nvidia पर पड़ा। जैसे कि आपने देखा होगा कि ChatGPT और OpenAI ने अपनी एआई तकनीक से हलचल मचा दी थी, लेकिन अब DeepSeek ने एक और एआई टूल लॉन्च किया जो OpenAI से भी बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। इससे लोगों का ध्यान DeepSeek की ओर आकर्षित हुआ और अचानक से उसमें रजिस्ट्रेशन की होड़ लग गई, लेकिन इतने लोग आ गए कि साइबर अटैक हो गया।
DeepSeek ने बहुत कम कीमत पर हाई-परफॉर्मिंग एआई तकनीक पेश की है, और इसका असर पूरे वॉल स्ट्रीट पर देखा गया। अमेरिका में जिस तरह से सेंसेक्स इंडिया में है, ठीक उसी तरह वॉल स्ट्रीट एक महत्वपूर्ण इंडेक्स है, और वह भी अचानक गिर गया। करीब 3.1% की गिरावट आई और इससे Nvidia की वैल्यूएशन में 100 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ।
Nvidia जैसे बड़े टेक जायंट्स, जो अपने एडवांस चिप्स के लिए एआई कंपनीज से डील करते हैं, उन्हें इस झटके का सामना करना पड़ा। उदाहरण के लिए, Nvidia के D300 और D800 ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स (GPU) के चिप्स पूरी दुनिया की कंपनियों द्वारा इस्तेमाल किए जाते हैं। लेकिन कल, Nvidia के शेयर में 17% तक की गिरावट आई, जो एक ऐतिहासिक गिरावट थी।
इसके अलावा, आपको ये भी ध्यान रखना चाहिए कि DeepSeek ने एक ऐसी एआई टूल लॉन्च किया है जो Nvidia के कम एडवांस चिप्स का इस्तेमाल करके भी बेहतरीन काम कर रहा है। चाइना को, जैसा कि आप जानते हैं, अमेरिका ने एडवांस चिप्स देने से रोक दिया था, लेकिन DeepSeek ने ये साबित कर दिया कि छोटे चिप्स का इस्तेमाल करके भी अच्छे परिणाम निकाले जा सकते हैं।
अब सवाल ये उठता है कि क्या अमेरिका की एआई में भारी निवेश की रणनीति अब भी टिकाऊ है? क्या इतने बड़े निवेश के बिना एआई का विकास संभव है? DeepSeek ने कम लागत में शानदार एआई तकनीक पेश कर यह साबित कर दिया कि एआई का प्रभुत्व सिर्फ भारी वित्तीय निवेश पर निर्भर नहीं हो सकता।
इसके अलावा, ये भी सवाल उठता है कि चाइना को पीछे करने की जो अमेरिका की कोशिशें हैं, क्या अब चाइना ने इसको चुनौती देने के रास्ते खोल दिए हैं? DeepSeek ने दिखा दिया कि बड़ी तकनीकी सफलता के लिए महंगे टूल्स की जरूरत नहीं है। इसका असर विश्व स्तर पर देखा जा रहा है, जहां कई प्रमुख व्यक्तित्व इस बदलाव को लेकर चर्चा कर रहे हैं।
हाल ही में, डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि यह एक ‘वेक-अप कॉल’ हो सकता है, जिसमें अमेरिका को सिखने को मिलेगा कि कैसे कम निवेश में भी प्रतिस्पर्धा की जा सकती है। वे यह मानते हैं कि सिलिकन वैली को अब यह समझना होगा कि सिर्फ विशाल निवेश से ही नवाचार नहीं हो सकता। इसके बजाय, कम पैसे में भी काम किया जा सकता है।
तो, अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में क्या होता है, क्योंकि DeepSeek ने एक नई दिशा दिखाई है, और अब बाकी कंपनियों को भी इसे लेकर कुछ ठोस कदम उठाने होंगे।
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