Dhankar : क्या गणित है संसद में धनकड़ के खिलाफ आये महाभियोग पर

Dhankar : विपक्ष ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनकड़ के खिलाफ महाभियोग का नोटिस दिया है। इस प्रस्ताव का गिरना तय है। क्यों कि गणित सत्ता पक्ष के पास है। राज्यसभा और लोकसभा में सरकार ने ज्यादा नम्बर हैं और विपक्ष के पास कम सांसद हैं।

72 साल में पहली बार महाभियोग

जगदीप धनखड़ Dhankar:क्या गणित है संसद में धनकड़ के खिलाफ आये महाभियोग पर के खिलाफ अगर प्रस्ताव पटल पर आता है तो यह सभापति के खिलाफ इतिहास का पहला महाभियोग प्रस्ताव होगा। राज्यसभा के सभापति देश के उपराष्ट्रपति होते हैं, इसलिए उन्हें हटाने के लिए दोनों सदनों में साधारण बहुमत की जरूरत होती है। लोकसभा में अभी 543 सदस्य हैं, जहां सत्ता पक्ष के पास कुल 293 सांसद हैं।

लोकसभा में 293 vs 249


विपक्ष को 249 सांसदों का समर्थन प्राप्त है, जो 272 के बहुमत के आंकड़े से करीब 23 कम है। सत्ता पक्ष के समर्थन में जो भी दल अभी है, ऐसे में लोकसभा में शायद ही धनखड़ के खिलाफ प्रस्ताव पास हो सके।
राज्यसभा में वर्तमान में एनडीए गठबंधन के पास पूर्ण बहुमत है। विपक्ष 100 के आंकड़े के करीब ही है। राज्यसभा में अभी भी मनोनीत सांसदों के 4 पद रिक्त हैं. वहीं 6 सीटों के लिए उपचुनाव हो रहे हैं, जहां 5 पर एनडीए की जीत तय है।
राज्यसभा में कुल 245 सदस्य होते हैं, जहां बहुमत के लिए 123 सदस्यों की जरूरत होती है।अकेले बीजेपी के पास 95 सदस्य हैं।जेडीयू के पास 4 सदस्य है। 6 मनोनीत सांसद हैं, जो आम तौर पर सरकार का ही समर्थन करते हैं।

राज्यसभा में एनडीए की संख्या काफी ज्यादा

कुल आंकड़े अगर देखा जाए तो अभी एनडीए के पास 125 सांसदों का समर्थन है। इसके अलावा बीजेडी के 7 और वाईएसआर के 8 सांसद ऐसे हैं, जो इंडिया गठबंधन के विरोध में रहते हैं। अगस्त 2024 में भी धनखड़ के खिलाफ विपक्ष ने अविास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर लिया था, लेकिन उस वक्त संसद का सत्र ही अनिश्चितकालीन वक्त के लिए स्थगित कर दी गई थी।

सभापति के लिए सवाल खड़ा करने वाला कदम है।


राज्यसभा में बहस के दौरान सभापति Dhankar:क्या गणित है संसद में धनकड़ के खिलाफ आये महाभियोग पर अपने चेयर पर नहीं होंगे। ऐसे में विपक्ष के सांसद और खुलकर उनके खिलाफ अपनी बातें रख सकते हैं। साथ ही उन मुद्दों को भी उठा सकते हैं। विपक्ष के सूत्रों का कहना है कि भले ही संख्या बल उनके पक्ष में ना हो लेकिन इस प्रस्ताव के द्वारा वह सत्ता पक्ष और देश की जनता को एक कड़ा संदेश देना चाहते हैं। इस प्रस्ताव के द्वारा वह सभापति जगदीप धनखड़ को भी यह संदेश देना चाहते हैं कि उन्हें अपनी कार्यशैली में बदलाव लाने की जरूरत है। देश के संसदीय इतिहास के लिए यह अप्रत्याशित कदम है और सदन के सभापति के लिए सवाल खड़ा करने वाला कदम है।

Leave a Comment

Discover more from Roshan Gaur

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

10th Governing Council Meeting of NITI Aayog, chaired by Prime Minister Shri Narendra Modi, held in New Delhi on Saturday. India’s Nandini Gupta Secures Spot in 72nd Miss World Grand Finale Mahakumbh : strange of the world I vibrant color of India : महाकुम्भ : अद्भुद नज़ारा, दुनिया हैरान friendly cricket match among Members of Parliament, across political parties, for raising awareness for ‘TB Mukt Bharat’ and ‘Nasha Mukt Bharat’, at the Major Dhyan Chand National Stadium The fandom effect: how Indian YouTube creators and fans took over 2024