guru nanak jayanti राष्ट्रपति द्रौपदी मुमरु ने प्रकाश पर्व की पूर्व संध्या पर देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर, मैं देश और विदेश में रह रहे सभी भारतीयों, विशेष रूप से सिख भाइयों और बहनों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं।
guru nanak jayanti आइये जानते हैं क्यों महत्वपूर्ण है गुरु पर्व
guru nanak jayanti गुरु नानक देव जी ने जपजी साहिब में प्रेम, आस्था, सत्य और त्याग की शिक्षा दी है। नैतिक आचरण की राह पर चलने का संदेश दिया। लंगर की प्रथा शुरू कर समाज में भाईचारे का संदेश दिया। गुरु नानक जी की वाणी हमें गृहस्थ जीवन की जिम्मेदारियों को निभाते हुए ज्ञान और वैराज्ञ की राह पर चलने की प्रेरणा देती है। उन्होंने ईमानदारी और मेहनत से आजीविका कमाने और उसे जरूरतमंद लोगों के साथ बाँटने की भी सीख दी।
तिथि और मुहूर्त
इस वषर्, गुरु नानक देव जी के 555वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में उत्सव 15 नवंबर को मनाया जाएगा। द्रिक पंचांग के अनुसार, समारोह 15 नवंबर को सुबह 06:19 बजे पूर्णिमा तिथि के साथ शुरू होगा और 16 नवंबर को सुबह 02:58 बजे समाप्त होगा।
कहां हुआ जन्म
गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल, 1469 को तलवंडी (वर्तमान में ननकाना साहिब, पाकिस्तान) में हुआ था। मेहता कालू और माता तृप्ता की संतान होने के नाते, उन्होंने छोटी उम्र से ही सामाजिक अन्याय और परंपराओं को चुनौती देते हुए आध्यात्मिकता में गहरी रु चि दिखाई। 30 साल की उम्र में, उनमें आध्यात्मिक जागृति आई, उन्होंने इस विास की वकालत की कि मानवता धार्मिंक बाधाओं को पार करती है, उन्होंने प्रसिद्ध रूप से घोषणा की, कोई हिंदू नहीं है, कोई मुस्लिम नहीं है, कोई ईसाई नहीं है।
कैसे मनाया जाता है गुरु पर्व
गुरुपर्व के दिन गुरु द्वारों की सफाई तो होती ही है, लोग दीवाली की तरह अपने घरों को भी सजात हैं। गुरु द्वारों में गुरु ग्रंथ साहिब का 48 घंटों को अखंड पाठ होता है, । लोग सुबह गुरु द्वारे से जुलूस, प्रभातफेरियां निकालते हैं ।
लंगर का महत्व
गुरुद्वारो में कड़ाह प्रसाद पकाते हैं और गुरु को चढ़ाते हैं। फिर इसे जरूरतमंदों और लोगों में बांटा जाता है। यह गुरु पुराण उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सिख समुदाय लंगर तैयार करने में शामिल होता है।
गुरु पर्व का क्या अर्थ है?
सिख समुदाय हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु का उत्सव मनाता है। लोग तीन दिनों तक त्योहार मनाते हैं। वे घर की सफाई शुरू करते हैं और इसे रोशनी, फूलों आदि से सजाते हैं। वे प्रार्थना और अन्य अनुष्ठानों को एक साथ करने के लिए गुरु द्वारे को खूबसूरती से सजाते हैं। गुरु नानक जयंती गुरु की याद का प्रतीक है। इस धर्म में सभी दस गुरु ओं को मनाया जाता है। वे खालसा पंथ के गुरु ओं की पूजा करते हैं।