ISGF Award : हाल ही में, भारत सरकार के मंत्रालय ऑफ पावर और इंडिया स्मार्ट ग्रिड फोरम (ISGF) द्वारा आयोजित एक भव्य समारोह में, प्रोफेसर आर.के. कोटनाला और डॉ. ज्योति शाह को उनकी क्रांतिकारी खोज हाइड्रोइलेक्ट्रिक सेल के लिए राष्ट्रीय गोल्ड अवार्ड से सम्मानित किया गया। पुरस्कार डॉ. बी.पी. सिंह, पूर्व सीईसी बोर्ड सदस्य और आईएसजीएफ चेयरमैन रंजी पिल्लई द्वारा प्रदान किया गया।

ISGF Award : Hydroelectric cell : स्वच्छ ऊर्जा और ग्रीन हाइड्रोजन का भविष्य
हाइड्रोइलेक्ट्रिक सेल को 21वीं सदी की सबसे बड़ी खोज माना जा रहा है। यह तकनीक पानी को विभाजित करके स्वच्छ बिजली और ग्रीन हाइड्रोजन उत्पन्न करती है। इस खोज की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें किसी भी प्रकार के अम्ल, क्षार, उत्प्रेरक, या प्रकाश का उपयोग नहीं किया जाता। यह पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक है, जो भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

पुरस्कार का महत्व
ISGF इनोवेशन अवार्ड 2025 के तहत, हाइड्रोइलेक्ट्रिक सेल को गोल्ड स्मार्ट टेक्नोलॉजी – इलेक्ट्रिसिटी जनरेशन श्रेणी में सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार न्यू साइंस क्रिएटर्स इंस्टीट्यूट (NSCI) को प्रदान किया गया, जो इस तकनीक के विकास और व्यावसायीकरण के लिए समर्पित है।
न्यू साइंस क्रिएटर्स इंस्टीट्यूट (NSCI) का योगदान
NSCI का मुख्य उद्देश्य हाइड्रोइलेक्ट्रिक सेल के व्यापक उपयोग को बढ़ावा देना और नई पीढ़ी के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को समर्थन प्रदान करना है। संस्थान का ध्यान सस्टेनेबल टेक्नोलॉजीज के विकास पर है, जो नवीकरणीय ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देते हैं। NSCI की शोध पहल क्लीन इलेक्ट्रिसिटी, ग्रीन हाइड्रोजन, और उद्योगों के डीकार्बोनाइजेशन जैसे वैश्विक चुनौतियों का समाधान प्रदान करती है।
पुरस्कार समारोह की झलक
21 मार्च, 2025 को नई दिल्ली के ललित होटल में आयोजित इस समारोह में देश-विदेश के कई विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रोफेसर आर.के. कोटनाला Prof RK Kotnala और डॉ. ज्योति शाह Dr Jyoti Shah ने अपने शोध और हाइड्रोइलेक्ट्रिक सेल के भविष्य पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने इस तकनीक के माध्यम से भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के अपने सपने को साझा किया।
निष्कर्ष
हाइड्रोइलेक्ट्रिक सेल की खोज न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। यह तकनीक स्वच्छ ऊर्जा और ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन में क्रांति ला सकती है। प्रोफेसर आर.के. कोटनाला और डॉ. ज्योति शाह का यह सम्मान न केवल उनकी मेहनत और लगन का प्रतीक है, बल्कि यह भारत के वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक प्रेरणा भी है।
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