jharkhand election result बंटी और बबली ने भाजपा को हार का स्वाद चखा दिया है। भाजपा ने हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना को बंटी और बबली और हेलीकाप्टर मैडम कहा था। भाजपा को झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार करना भारी पड़ गया है। हेमंत सोरेन पूर्ण बहुमत के साथ राज्य की सत्ता में लौट रहे हैं, जबकि पिछली बार के प्रदर्शन को दोहराने में नाकामयाब रही ।
jharkhand election result 56 सीटें जीतने की तरफ
jharkhand election result ताजा जानकारी के मुकाबिक JMM गठबंधन राज्य की 81-सदस्यीय विधानसभा की कम से कम 56 सीट पर बढत के साथ सत्ता बरकरार रखने की ओर अग्रसर है। 43 सीट पर लड़ रहा झामुमो 33 सीट पर, 30 सीट पर लड़ी कांग्रेस 16 सीट पर, छह सीट पर किस्मत आजमा रहा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पांच सीट पर और चार सीट पर लड़ी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन दो सीट पर आगे है।
भाजपा 25 से घटकर 21 पर आयी
झारखंड में 68 सीट पर लड़ी भाजपा 21 सीट पर आगे है, जबकि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) एक सीट पर और दो सीट पर किस्मत आजमा रहा जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) एक सीट पर आगे हैं। आजसू (ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन) पार्टी ने 10 सीट पर चुनाव लड़ा था और उसके अध्यक्ष सुदेश महतो समेत सभी उम्मीदवार पीछे चल रहे हैं।
कल्पना सोरेन भी जीत रही है
मुख्यमंत्री सोरेन बरहेट सीट पर 20,469 से अधिक मतों से आगे हैं और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन गांडेय सीट से 1,612 वोट से आगे हैं। भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी धनवार सीट से 16,691 मतों से आगे हैं, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन सरायकेला में 28,905 मतों से बढत बनाए हुए हैं। विपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी चंदनकियारी सीट पर 33,426 मतों से पीछे हैं। कांग्रेस के मंत्री बन्ना गुप्ता जमशेदपुर पश्चिम सीट पर जदयू के सरयू राय से 21,712 मतों से पीछे हैं। रांची में, भाजपा के सी.पी.ंिसह झामुमो नेता एवं राज्यसभा सदस्य महुआ माझी से 23,308 मतों से आगे हैं।
बंटी बबली नहीं, ये बिजयी जोड़ी है
भाजपा ने ने हेमंत-कल्पना पर कटाक्ष करते हुए उन्हें ‘बंटी और बबली’ की जोड़ी कह रही थी। लेकिन, राज्य में ‘इंडिया’ गठबंधन और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को कामयाबी के रास्ते पर ले जाकर उन्होंने आलोचनाओं का करारा जवाब दिया है। इस जोड़ी ने 200 चुनावी रैलियां कीं। कल्पना इस वर्ष की शुरुआत में अपने पति की गिरफ्तारी के बाद राजनीति में आईं।
नजदीकियों ने धोखा दिया था
सीता सोरेन, चंपई सोरेन और लोबिन हेम्ब्रोम जैसे प्रमुख नेता पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। सीता सोरेन भाभी हैं और चंपई को हेमंत ने मुख्यमंत्री बनाया था। हेम्ब्रोम उनके खास मित्र थे।
आदिवासियों को गोलबंद किया
यह दिखाता है कि कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में 31 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद उन्होंने आदिवासियों को सफलतापूर्वक गोलबंद किया। हेमंत और कल्पना दोनों ही आदिवासी मतदाताओं के बीच सहानुभूति की लहर पैदा करने में कामयाब रहे, और सत्ता विरोधी भावना के बावजूद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इसका लाभ उठाने और सरकार बनाने में विफल रही।
हेलीकाप्टर मैडम का जलवा
कल्पना सोरेन को भाजपा ने ‘हेलीकॉप्टर मैडम’ कहा जाता था। यह शब्द भाजपा द्वारा यह बताने के लिए इस्तेमाल किया गया कि कल्पना बाहरी हैं, क्योंकि वह मुनिया देवी के विपरीत स्थानीय निवासी नहीं हैं।
उच्च न्यायालय ने जमानत दी थी
हेमंत सोरेन को 28 जून को उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा कर दिया गया था। तीन जुलाई को हेमंत को झामुमो विधायक दल का नेता चुना गया। इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया, जिससे हेमंत सोरेन के तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया।
input PTI