Kangana Ranaut : बार-बार विवदित बयान देने से फिल्मों से राजनीति में आयी अभिनेत्री और मंडी से भाजपा bjp सांसद कंगना रनौत ने भाजपा के सामने मुसीबत खड़ी कर दी है। उन्होंने तीन कृषि कानूनों 3 farm laws को वापस लाने की मांग कर हरियाणा जीतने के लिए जद्दोजहद कर रही भाजपा के सामने मुश्किल खड़ी कर दी है। हालांकि बाद में उन्होंने बयान वापस लिया और माफी मांगी। भाजपा ने भी उनके बयान से किनारा कर लिया।
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Kangana Ranaut : प्रज्ञा ठाकुर की राह पर
Kangana Ranaut : फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत भाजपा के लिए बोझ बन गयी हैं। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को भी भाजपा ने भोपाल से टिकट देकर सांसद बनाया था लेकिन उनके विवादित बयानों से पार्टी परेशान रहती थी। इस बार उन्हें टिकट नहीं दिया गया। क्या कंगना का भी यही हश्र होगा?
कृषि कानूनों को जिन्न निकाला
कंगना लगातार विवादित बयान दे रही हैं। पिछली बार तो पार्टी ने उन्हें बुलाकर समझा दिया था कि वह पार्टी की तरफ से बोलने के लिए अधिकृति नहीं हैं। उन्हें कुछ भी बोलने का मान किया था। लेकिन अब उन्होंने एक और बयान दे दिया कि तीन कृषि किसानों को फिर से वापस लाया जाए।
राहुल ने पूछा सरकार कौन चला रहा है
कांग्रेस नेता राहुल गांधी Rahul gandhi ने कंगना के बयान को इनकैश करा लिया। उन्होंने कहा कहा केंद्र सरकार प्रधानमंत्री चला रहे हैं या भाजपा को कोई सांसद। उन्होंने कहा कि कंगना के बयान से साफ हो गया है कि सरकार फिर से तीन कृषि कानूनों farmers law को लाने का प्लान कर रही है। किसान आंदोलन के कारण मोदी ने 2021 में तीन कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया था।
ये संयोग नहीं
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पंजाब में विपक्ष के नेता प्रतापंिसह बाजवा ने रनौत को विवादास्पद कृषि कानूनों की बहाली की वकालत करने के लिए एक प्रवक्ता के रूप में इस्तेमाल कर रही है। भाजपा अपने किसान विरोधी एजेंडे को आगे बढाने के लिए रनौत का ढाल के तौर पर इस्तेमाल कर रही है। अगर केंद्र की भाजपा सरकार अपनी मंडी की सांसद द्वारा दिए गए बयानों के पीछे खड़ी नहीं होती है, तो पार्टी को उनके खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए। यह कोई संयोग नहीं है, यह एक सोची-समझी रणनीति है। भाजपा उनकी बयानबाजी के जरिए किसानों पर परोक्ष हमला कर रही है।
क्या थे तीन कानून
सरकार तीन कृषि कानून लायी थी, इनमें कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) अधिनियम; कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम; तथा आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम थी। किसानों के विरोध के कारण नवंबर 2021 में निरस्त कर दिया गया था।
मेरे निजी विचार
बयान पर राजनीति होने के बाद कंगना ने अपने बयान को वापस लिया और कहा कि यह उनके विचार निजी हैं और पार्टी के रूख को प्रदर्शित नहीं करते हैं। कंगना ने कहा कि उन्हें याद रखना चाहिए कि वह अब केवल कलाकार ही नहीं, बल्कि भाजपा सदस्य भी हैं एवं उनका बयान अपनी पार्टी की नीतियों के अनुरूप होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्होंने विवादास्पद कानूनों पर अपने बयान से संभवत: कई लोगों को निराश किया है और उन्हें इस बात पर खेद है।
हरियाणा चुनाव में भाजपा को होगा नुकसान
हरियाणा harayana में विधानसभा चुना हो रहे हैं। हरियाणा और पंजाब का किसान पहले से ही भाजपा से नाराज है। पार्टी सरकार बचाने की कोशिश कर रही है लेकिन कंगना भाजपा के रास्ते में कांटे बो दिये हैं। कांग्रेस ने जाट और किसानों को अपने साथ कर लिया है।
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