Ladakh : लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करनेअनशन पर बैठे सोनम वांगचुक

Ladakh भवन में लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली आए जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुकSonam Wangchuckजंतर-मंतर पर आंदोलन की अनुमति नहीं मिलने पर रविवार को लद्दाख भवन में ही अनशन पर बैठ गए। वह दिल्ली में लद्दाख भवन में ही ठहरे हुए हैं।

Ladakh आंदोलन के लिए कोई स्थान न मिलने पर

वांगचुक ने अनशन शुरू करने से पहले मीडिया के साथ संक्षिप्त बातचीत में कहा कि अपने आंदोलन के लिए कोई स्थान न मिलने पर उन्हें लद्दाख भवन में ही विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसके तुरंत बाद वह और अन्य लोग लद्दाख भवन के गेट के पास बैठ गए, जिसके बाद वहां भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया और प्रवेश सीमित कर दिया गया।

लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर दिल्ली तक मार्च का नेतृत्व करने वाले जलवायु कार्यकर्ता ने कहा कि उन्हें शीर्ष नेतृत्व (राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या गृह मंत्री) के साथ बैठक का आासन दिया गया था, लेकिन उन्हें अभी तक मिलने का समय नहीं दिया गया है, जिससे उन्हें अनशन पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा।

वांगचुक ने से कहा, जब हमने दो अक्टूबर को राजघाट पर अपनी भूख हड़ताल समाप्त की थी तो यह इस आश्वासन के आधार पर था कि हमें देश के वरिष्ठ नेताओं से मिलने के लिए गृह मंत्रालय से समय मिलेगा। हम बस अपने राजनेताओं से मिलना चाहते हैं, आश्वासन चाहते हैं और लद्दाख लौटना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, हमें बताया गया था कि हमें चार अक्टूबर तक राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मिलने का समय दिया जाएगा। हमने राजघाट पर होने वाली जनसभा भी रद्द कर दी, क्योंकि हम कोई टकराव नहीं चाहते थे।’ वांगचुक ने कहा, हम सिर्फ अपने नेताओं से आासन चाहते थे और फिर लद्दाख लौटना चाहते थे। हालांकि राजघाट खाली करने और अपनी भूख हड़ताल खत्म करने के बाद भी ऐसा नहीं किया गया। इसलिए हमें एक बार फिर भूख हड़ताल करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

उन्होंने कहा कि जब पुलिस ने उन्हें बताया कि जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन की अनुमति केवल सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक है तो वह इसके लिए तैयार हो गए। हमने यहां तक कहा कि हम सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक जंतर-मंतर पर बैठ सकते हैं और उसके बाद हम किसी निर्दिष्ट स्थान पर चले जाएंगे, लेकिन उन्होंने इसे भी अस्वीकार कर दिया

हमने उनसे कहा कि वे हमें कोई भी स्थान दें जो उन्हें उचित लगे, लेकिन हमें कोई स्थान नहीं दिया गया। उन्होंने से कहा, इसलिए हमने सोचा कि यह लद्दाख के लोगों का भवन है जहां मैं एक तरह से हिरासत में था, हालांकि यह पूर्ण हिरासत नहीं थी.. इसलिए हमने सोचा कि चूंकि हमें बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है, इसलिए हम यहां विरोध प्रदर्शन पर बैठेंगे।

वांगचुक ने कहा कि वह और कई प्रदर्शनकारी देश के नेतृत्व से मिलने के लिए 32 दिनों में 1,000 किलोमीटर से अधिक पैदल चलकर दिल्ली आए हैं। उन्होंने कहा, ’कई पदयात्री चले गए हैं, लेकिन अभी भी कई लोग हैं, जिनमें महिलाएं, बुजुर्ग और पूर्व सैनिक शामिल हैं जो नेताओं से मिलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि गांधीवादी विरोध जारी रहेगा। उन्होंने कहा, हम गांधी द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चल रहे हैं और हम अपना शांतिपूर्ण विरोध जारी रखेंगे।

हम अनशन पर बैठे हैं।’ वांगचुक सहित करीब 18 लोग लद्दाख भवन के गेट के पास बैठ गए। ये लोग ’हम होंगे कामयाब’ गीत गा रहे थे तथा ‘भारत माता की जय’, ‘जय लद्दाख’ और ‘लद्दाख बचाओ, हिमालय बचाओ’ जैसे नारे लगा रहे थे। वांगचुक ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर रविवार सुबह जारी पोस्ट में कहा कि उन्हें जंतर-मंतर पर अनशन करने की अनुमति नहीं दी गई है। उन्होंने कहा, ’एक और अस्वीकृति, एक और हताशा। अंतत: आज सुबह हमें विरोध प्रदर्शन के लिए आधिकारिक रूप से तय स्थान के लिए यह अस्वीकृति पत्र मिला।’

जलवायु कार्यकर्ता वांगचुक ‘दिल्ली चलो पदयात्रा’ का नेतृत्व कर रहे हैं, जो एक महीने पहले लेह से शुरू हुई थी। मार्च का आयोजन ‘लेह एपेक्स बॉडी’ ने किया है, जो कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के साथ मिलकर पिछले चार वर्ष से लद्दाख को राज्य का दर्जा दिलाने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए आंदोलनरत है। ज्यादातर प्रदर्शनकारी शनिवार को लद्दाख लौट गए, जबकि शेष प्रदर्शनकारी वांगचुक के साथ अनशन में शामिल होने के लिए यहीं रुके हुए हैं।

इनपुट – भाषा

Leave a Comment

Discover more from Roshan Gaur

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

10th Governing Council Meeting of NITI Aayog, chaired by Prime Minister Shri Narendra Modi, held in New Delhi on Saturday. India’s Nandini Gupta Secures Spot in 72nd Miss World Grand Finale Mahakumbh : strange of the world I vibrant color of India : महाकुम्भ : अद्भुद नज़ारा, दुनिया हैरान friendly cricket match among Members of Parliament, across political parties, for raising awareness for ‘TB Mukt Bharat’ and ‘Nasha Mukt Bharat’, at the Major Dhyan Chand National Stadium The fandom effect: how Indian YouTube creators and fans took over 2024