24 फरवरी 2025, News Man
Mahakumbh 2025 इस समय भारत का सबसे बड़ा ट्रेंडिंग टॉपिक बना हुआ है। प्रयागराज में शुरू हुआ यह आध्यात्मिक उत्सव, महाकुंभ 2025, अब अपने अंतिम चरण में है, और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के साथ इसका समापन होगा। अब तक 63 करोड़ से ज़्यादा श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई है, और दिल्ली से लाखों लोग इस महाकुंभ 2025 का हिस्सा बनने पहुंचे हैं। लेकिन क्या है इस महाकुंभ 2025 की खासियत, और यह क्यों हर किसी के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है? आइए, इसे विस्तार से जानते हैं।
1. Mahakumbh 2025 : क्या है खास?
महाकुंभ हर 12 साल में एक बार होने वाला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है। इस बार 13 जनवरी से शुरू हुआ यह मेला 144 साल बाद एक खास ज्योतिषीय संयोग के साथ आया है, जिसने इसे और भी महत्वपूर्ण बना दिया। प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में गंगा, यमुना, और सरस्वती का मिलन लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहा है।
Mahakumbh 2025 एक अनूठा अवसर है जो दुनिया भर से श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहा है। इस महाकुंभ 2025 में लोगों की आस्था और संस्कृति का संगम हो रहा है, जो इसे और भी खास बनाता है।
- ताजा आंकड़े: 24 फरवरी तक 62.50 करोड़ लोगों ने स्नान किया, और अनुमान है कि यह आंकड़ा 65 करोड़ तक पहुंचेगा।
- दिल्ली कनेक्शन: दिल्ली से हर दिन बसें, ट्रेनें, और निजी वाहन इस मेले की ओर जा रहे हैं।
2. दिल्ली से महाकुंभ का सफर और ट्रैफिक का हाल
दिल्ली से प्रयागराज की दूरी करीब 650 किलोमीटर है, लेकिन इस समय ट्रैफिक जाम ने इसे चर्चा का केंद्र बना दिया है। महाकुंभ के अंतिम दिनों में भीड़ बढ़ने से दिल्ली-लखनऊ और दिल्ली-प्रयागराज हाईवे पर 200-300 किलोमीटर तक जाम की खबरें हैं।
- ताजा अपडेट: 8-9 फरवरी को “दुनिया का सबसे बड़ा ट्रैफिक जाम” ट्रेंड हुआ, जिसमें कई श्रद्धालु 11 घंटे से ज़्यादा फंसे रहे।
- यात्रा टिप्स: दिल्ली से ट्रेन (प्रयागराज एक्सप्रेस) लेना बेहतर विकल्प है। ट्रैफिक से बचने के लिए सुबह जल्दी या रात में सफर शुरू करें।
3. सरकार का नया कानून और सोशल मीडिया का प्रभाव
महाकुंभ के बीच एक और मुद्दा सुर्खियों में है—सोशल मीडिया पर अश्लीलता और इसके लिए नया कानून। रणवीर अलाहाबादिया और समय रैना के विवाद के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने यूट्यूब और OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए सख्त नियमों की बात कही है।
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महाकुंभ 2025 के लिए यात्रा की योजना बनाते समय, यह सुनिश्चित करें कि आप सभी आवश्यक जानकारी और सुविधाओं का ध्यान रखें। इस महाकुंभ 2025 में शामिल होना एक अनमोल अनुभव है।
4. कैसे करें महाकुंभ की तैयारी? अगर आप दिल्ली से महाकुंभ जाने की सोच रहे हैं, तो ये टिप्स आपके काम आएंगे:
अगर आप दिल्ली से Mahakumbh 2025 जाने की सोच रहे हैं, तो ये टिप्स आपके काम आएंगे:
- सही समय: 26 फरवरी (महाशिवरात्रि) से पहले पहुंचें, क्योंकि यह आखिरी बड़ा स्नान होगा।
- सामान: गर्म कपड़े, पानी की बोतल, और पहचान पत्र साथ रखें।
- डिजिटल मदद: ‘Mahakumbh Mela 2025’ ऐप डाउनलोड करें, जिसमें घाटों और मंदिरों की जानकारी है।
राम मंदिर से चिढे लोग कुंभ को कोसने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं, उन्हें बिहार माफ नहीं करेगा:मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी PM Modi ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद द्वारा महाकुंभ Mahakumbh 2025 को लेकर की गयी टिप्पणी की ओर इशारा करते हुए सोमवार को कहा कि राम मंदिर से चिढने वाले लोग महाकुंभ को कोसने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं लेकिन ऐसे लोगों को बिहार कभी भी माफ नहीं करेगा।
बिहार के भागलुपर जिले में किसान सम्मान निधि की 19 वीं किस्त जारी किये जाने को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम में मोदी ने अपने संबोधन में प्रसाद पर प्रहार करते हुए कहा, ‘‘राजग सरकार भारत की गौरवशाली विरासत के संरक्षण और वैभवशाली भविष्य के निर्माण के लिए एक साथ काम कर रही है, लेकिन यह जो जंगल राज वाले हैं, इनको हमारी धरोहर से, हमारी आस्था से नफरत है।’’
राजद सुप्रीमो पर अपना प्रहार जारी रखते हुए मोदी ने कहा, ‘‘ इस समय प्रयागराज में एकता का Mahakumbh 2025 महाकुंभ चल रहा है। यह भारत की आस्था, एकता और समरसता का सबसे बड़ा महोत्सव है । पूरे यूरोप की जितनी जनसंख्या है, उससे भी ज्यादा लोग अब तक महाकुंभ में डुबकी लगा चुके हैं। बिहार से भी श्रद्धालु महाकुंभ होकर आ रहे हैं लेकिन यह जंगल राज वाले महाकुंभ को ही गाली दे रहे हैं। वे महाकुंभMahakumbh 2025 को लेकर भद्दी-भद्दी बातें कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राम मंदिर से चिढने वाले लोग महाकुंभMahakumbh 2025 को भी कोसने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। मैं जानता हूं कि महाकुंभ को गाली देने वाले ऐसे लोगों को बिहार कभी भी माफ नहीं करेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पूवरेदय से ही विकसित भारत का उदय होगा और हमारा बिहार, पूर्वी भारत का सबसे अहम स्तंभ है। बिहार, भारत के सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। राजद के लंबे कुशासन ने बिहार को बर्बाद किया, बिहार को बदनाम किया लेकिन अब विकसित भारत में बिहार का वही स्थान होगा जो प्राचीन समृद्ध भारत में पाटलिपुत्र का था । हम सभी मिलकर निरंतर प्रयास कर रहे हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘बिहार में आधुनिक कनेक्टिविटी के लिए, सड़कों के नेटवर्क के लिए, जनकल्याण की योजनाओं के लिए राजग सरकार प्रतिबद्ध होकर काम कर रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा यह भागलपुर संस्कृति और ऐतिहासिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण रहा है। विक्रमशिला विविद्यालय के कालखंड में यह वैिक ज्ञान का केंद्र हुआ करता था। हम नालंदा विविद्यालय के प्राचीन गौरव को आधुनिक भारत से जोड़ने का काम शुरू कर चुके हैं । नालंदा विविद्यालय के बाद अब विक्रमशीला में केंद्रीय विविद्यालय बनाया जा रहा है।
Mahakumbh 2025 को लेकर लोगों की राय महत्वपूर्ण है। इससे जुड़े अनुभवों को साझा करना और महाकुंभ 2025 का महत्व बताना सभी के लिए फायदेमंद है।
महाकुंभ 2025 के दौरान, यह सुनिश्चित करें कि आप सभी सुरक्षा और स्वास्थ्य निर्देशों का पालन करें। यह महाकुंभ 2025 में आपकी और दूसरों की भलाई के लिए आवश्यक है।
Mahakumbh 2025 में भाग लेना एक अद्भुत अनुभव है। यहां आप न केवल आस्था का अनुभव करेंगे, बल्कि विभिन्न संस्कृतियों का मिलन भी देखेंगे।
महाकुंभ 2025 का आयोजन भारतीय संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है। यह अवसर आपको अपने धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को फिर से जिंदा करने का मौका देता है।
निष्कर्ष
महाकुंभ 2025 न सिर्फ आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह दिल्ली और भारत के लिए एक सांस्कृतिक और सामाजिक बदलाव का मौका भी लाया है। ट्रैफिक की चुनौतियों और सोशल मीडिया विवादों के बावजूद, यह मेला हर किसी को जोड़ रहा है। आप इस बारे में क्या सोचते हैं? कमेंट करें और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें!