Manipur : मणिपुर पिछले डेढ़ वर्षों से जल रहा है। ताजा हिंसा में महिलाओं और बच्चों के साथ अत्याचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री का घर भी सुरक्षित नहीं है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ सरकार को चेतावनी दी और कहा जल्दी हिंसा रोके और शांति बहाल करे।
Manipur गृहमंत्री ने बैठक ली
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लगातार दूसरे दिन मणिपुर की सुरक्षा स्थिति और वहां सुरक्षाबलों की तैनाती की समीक्षा की। शाह ने शीर्ष अधिकारियों को जातीयंिहसा से प्रभावित राज्य में जल्द से जल्द शांति एवं व्यवस्था बहाल करने पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया।
5000 पैरा मिलिट्री के जवान भेजने का फैसला
केंद्रीय गृह मंत्रालय मणिपुर में मौजूदा अस्थिर स्थिति से निपटने में राज्य सरकार की मदद के लिए लगभग 5,000 अर्धसैनिक बलों को भी वहां भेज रहा है। गृह मंत्री ने केंद्र और राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में मणिपुर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। शाह ने राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती का भी जायजा लिया और अधिकारियों को वहां जल्द से जल्द शांति एवं व्यवस्था बहाल करने का निर्देश दिया।
तीन एमएलए के घर पर आग लगायी
पिछले साल मई से जातीय संघर्ष से जूझ रहे मणिपुर में हाल ही में महिलाओं और बच्चों के शव मिलने के बाद हुए विरोध-प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया और हिंसा के चलते स्थिति फिर नाजुक हो गई है। गुस्साई भीड़ ने रविवार को इंफाल घाटी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन विधायकों और कांग्रेस के एक विधायक के आवास में आग लगा दी। भीड़ ने राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेनंिसह के पैतृक आवास पर भी धावा बोलने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
जिरीबाम जिले में तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव मिले
जिरीबाम जिले में तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव मिलने के बाद प्रदर्शनकारियों ने इंफाल घाटी के विभिन्न हिस्सों में शनिवार कोंिहसक प्रदर्शन किया, जिसके बाद से वहां अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया। गुस्साई भीड़ ने शनिवार को राज्य के तीन मंत्रियों एवं छह विधायकों के आवास पर भी हमला किया था। मणिपुर के जिरीबाम जिले में दो महिलाओं और एक बच्चे के शव बराक नदी से शनिवार को बरामद किए गए, जबकि एक महिला एवं दो बच्चों के शव शुक्रवार रात मिले। ऐसा आरोप है कि उग्रवादियों ने अपहरण के बाद इनकी हत्या कर दी।
जिरीबाम जिले में 11 नवंबर को सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें 10 उग्रवादी मारे गए थे। मुठभेड़ के कुछ घंटे बाद राहत शिविर में रहने वाली तीन महिलाएं और तीन बच्चे लापता हो गए थे। ऐसा आरोप है कि उग्रवादियों ने इन लोगों का अपहरण कर लिया था।
आफ्सा फिर लागू किया
नाजुक स्थिति को देखते हुए केंद्र ने मणिपुर मेंंिहसा प्रभावित जिरीबाम सहित छह पुलिस थाना क्षेत्रों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम को बृहस्पतिवार को फिर से लागू कर दिया था। मणिपुर में मैतेई और कुकी-जो समुदाय के बीच पिछले साल मई से जारी जातीय संघर्ष में 200 से ज्यादा लोगों को मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हुए हैं।
इनपुट पीटीआई