New Institute of Social Communications, Research and Training (NISCORT Media College) ने एशियन रिसर्च सेंटर फॉर रिलिजन एंड सोशल कम्युनिकेशन (ARC), थाईलैंड के सहयोग से एक ऐतिहासिक राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन का विषय था “Artificial Intelligence, Religion, and the Future of Mass Communication: Evolving Perspectives and Research”– “आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस, धर्म और जनसंचार: पत्रकारिता का भविष्य, विकसित परिप्रेक्ष्य और शोध विषय”। यह आयोजन विद्वानों, मीडिया विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और मीडिया शिक्षकों के लिए एक मंच प्रदान करने के साथ-साथ ए.आई. और धार्मिक संवाद के बीच अंतरसंबंधों की खोज को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किया गया।

सम्मेलन का उद्घाटन और प्रमुख वक्ताओं के विचार
उद्घाटन सत्र में कई प्रतिष्ठित अतिथियों ने अपने विचार साझा किए। बिशप हेनरी डी’सूजा (अध्यक्ष, निस्कॉर्ट मीडिया कॉलेज) ने सम्मेलन की शुरुआत करते हुए ए.आई. के मीडिया और धार्मिक संचार पर पड़ने वाले प्रभाव पर प्रकाश डाला।
प्रो. (डॉ.) के. जी. सुरेश (पूर्व कुलपति, MCU भोपाल और पूर्व महानिदेशक, IIMC नई दिल्ली) ने अपने संबोधन में आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस की सीमाओं और संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि ए.आई. केवल उन्हीं तथ्यों को प्रदान कर सकता है जो इंटरनेट पर उपलब्ध हैं। इसके अलावा, ए.आई. मानवीय बुद्धि के बिना गलतियां कर सकता है।

डॉ. एंथनी ले डुक, SVD (रिसर्च सेंटर फॉर रिलिजन एंड सोशल कम्युनिकेशन, सेंट जॉन्स विश्वविद्यालय, थाईलैंड) ने ए.आई. के शोध के क्षेत्र में योगदान पर बात की। उन्होंने कहा कि ए.आई. शोधकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण बन गया है, लेकिन इसे और अधिक विकसित करने की आवश्यकता है।
AI और धार्मिक संचार: नए आयाम
सम्मेलन में ए.आई. के धार्मिक संचार और मीडिया पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर गहन चर्चा हुई। फादर रोड्रिग्स रॉबिन्सन सिल्वेस्टर (निदेशक, निस्कॉर्ट मीडिया कॉलेज) और डॉ. ऋितु दुबे तिवारी (प्रधानाचार्या, निस्कॉर्ट मीडिया कॉलेज) ने ए.आई. और मानवीय विश्वास के बीच के संबंध पर अपने विचार रखे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ए.आई. धार्मिक सोच और कार्य पद्धति को बदल रहा है, लेकिन इसे नैतिकता और डिजिटल साक्षरता के साथ जोड़ना आवश्यक है।

शोध पत्र प्रस्तुतियाँ और विचार-विमर्श
सम्मेलन में देश-विदेश के लगभग 20 शोधकर्ताओं ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। इन शोध पत्रों में ए.आई. के अवसरों और चुनौतियों, नैतिकता, और डिजिटल परिदृश्य के समाज और धर्म पर पड़ने वाले प्रभाव को विस्तार से समझाया गया।
सम्मान और समापन
कार्यक्रम के अंत में मीडिया, जनसंचार, पत्रकारिता और ए.आई. प्रशिक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया गया। बिशप हेनरी डीसूजा ने अपने समापन संबोधन में देश की महिलाओं के योगदान को सराहा और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर उनका अभिनंदन किया। उन्होंने विश्व कल्याण की कामना करते हुए कार्यक्रम का समापन किया।
