OPS पुरानी पेंशन old pension scheme के मुद्दे पर लोकसभा चुनाव में भारी नुकसान झेलने के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी PM Modi स्वयं सक्रिय हो गये हैं। प्रधानमंत्री ने जेसीएम JCM के सदस्यों को बुलाकर उनसे फ्रस्ट हेंड सूचना लेंगे और फिर कोई निर्णय लेंगे। पीएम का बुलाने का अर्थ लगाया जा रहा है कि पीएम ओपीएस का तोहफा देने जा रहे हैं।
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OPS क्यों परेशान हैं पीएम मोदी
OPS : 2024 के चुनाव में सरकारी कर्मचारियों ने ओल्ड पेंशन नहीं तो वोट नहीं का नारा दिया था। इसके कारण भाजपा की सीटें 303 से घट कर 240 रह गयी। मोदी को सहयोगी दलों के साथ मिलकर एनडीए NDA की सरकार बनानी पड़ी और अनकी किरकिरी हो गयी। कांग्रेस ने ओल्ड पेंशन देने का वायदा किया था।
OPS क्या है मामला
1 जनवरी 2004 से सरकारी नौकरी में आये कर्मचारियों को सरकार पेंशन नहीं देती है। कर्मचारियों को new pension scheme के तहत 10 प्रतिशत कंट्रीव्यूशन देना पड़ता है। सरकार 14 प्रतिशत हिस्सा देती है। यह पैसा म्यूचुअल फंड में लगाया जाता है। इससे जो भी रिटर्न आता है, उसे पेंशन के रूप में कर्मचारियों को दिया जाता है।
क्या है मांग
कर्मचारी मांग रहे हैं कि 2004 से पहले की तरह ही ओपीएस दी जाए। यानि कर्मचारी की रिटायरमेंट के समय के वेतन का 50 प्रतिशत के बराबर राशि पेंशन के तौर पर देती है। यह खर्चा सरकार स्वयं अठाती है। इससे सरकारी खजाने पर भारी बोझ पड़ रहता था। वाजपेयी सरकार ने ओपीएस को बंद कर नेशनल पेंशन स्कीम शुरू New pension scheme NPS की थी।
सरकार का प्रस्ताव
चुनाव हारने के बाद सरकार भी 50 प्रतिशत पेशन की गारंटी देने के लिए तैयार हो गयी है। लेकिन इसमें कर्मचारियों को10 प्रतिशत हिस्सा देना पड़ेगा। यह योजना आंध्रप्रदेश सरकार लागू कर चुकी है। वित्त सचिव की अध्यक्षता वाली समिति ने यही प्रस्ताव किया है। सरकार को भी लगता है इससे अच्छा प्रस्ताव हो नहीं सकता है।
पीएम ने बुलाया कर्मचारी नेताओं को
ओपीएस को लेकर आंदोलन कर रहे कर्मचारी नेताओं और नेशनल कौंसिल (जेसीएम) के सदस्यों को आमंत्रित किया गया है। कौंसिल के कर्मचारी पक्ष के सचिव एवं ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्र की अगुवाई में विभिन्न फेडरेशनों के सदस्य प्रधानमंत्री से मिलेंगे।
वित्त सचिव की कमेटी और जेसीएम की बैठक 15 जुलाई को हुई
कमेटी के गठन के बाद से कई बार दौर की बैठकें नेशनल कौसिंल जेसीएम कर्मचारी पक्ष के पदाधिकारियों के साथ बैठक हो चुकी है। कमेटी ने हाल ही में 15 जुलाई को भी जेसीएम कर्मचारी पक्ष के पदाधिकारी के साथ बैठक कर चुकी है।
पीएम के बुलावे पर जेसीएम खुश
नेशनल कौंसिल (जेसीएम) कर्मचारी खुश हैं कि आखिर प्रधानमंत्री ने अन्हें बातचीत के लिए बुलाया है। पूरी उम्मीद है कि लंबे समय से चल आ रही पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे पर कोई गारंटी पेंशन स्कीम लागू करने की सार्थक निर्णय प्रधानमंत्री की ओर किया जाएगा। अभी तक समीक्षा कमेटी के साथ हुई बैंठकों में कर्मचारी पक्ष की ओर से आखिरी वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन जिसमें महंगाई भत्ता जोड़कर दिये जाने की बात रखी गयी है।
पारिवारिक पेंशन, डीए को लेकर भी चर्चा होगी
इसके अलावा अधिकतम पेंशन, पारिवारिक पेंशन, महंगाई भत्ता जैसे मुद्दों को शामिल किया गया है। कर्मचारी पक्ष की ओर से सभी बातें कमेटी के समक्ष रखी जा चुकी है। ऐसा लगता है कि कमेटी इन मांगों के आधार पर अपनी सिफारिशें तैयार कर चुकी होंगी, क्योंकि यह 18 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के गारंटी पेंशन की बहाली का मामला है।
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