Priyanka Gandhi’s maiden Lok Sabha speech : वर्तमान राजा को भी भेष बदलने का शौक है, लेकिन जनता के बीच जाने की हिम्मत नहीं करते

Priyanka Gandhi’s maiden Lok Sabha speech : प्रियंका गांधी ने आज लोकसभा में अपना पहला डेब्यू भाषण दिया। उन्होंने अपनी वाकपटुता दिखायी और केंद्र की सत्ता एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने पहले के राजा भेष बदलकर जनता के बीच जाकर उनके सुख-दुख के बारे में सीधे जानकारी लेते थे। आज के राजा को भेष बदलने का शौक है, लेकिन वे जनता के बीच जाने और आलोचना सहने का साहस नहीं करते।

Priyanka Gandhi’s maiden Lok Sabha speech संविधान आरएसएस का विधान नहीं

लोकसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने कहा कि सरकार भय फैला रही है। उन्होंने कहा शायद प्रधानमंत्री यह समझ नहीं पाए हैं कि संविधान (आरएसएस ) संघ का विधान नहीं है। उन्होंने दावा कि भारत लंबे समय तक कायरों के हाथ में कभी नहीं रहा और यह देश उठेगा और लड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘संविधान में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का वादा है। यह वादा एक सुरक्षा कवच है, जिसे तोड़ने का काम शुरू हो चुका है।

राजा को भी भेष बदलने का बहुत शौक है

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, पहले एक कहानी होती थी। राजा भेष बदलकर लोगों के बीच आलोचना सुनने जाता था..आज के राजा को भी भेष बदलने का बहुत शौक है.. लेकिन उनमें न जनता के बीच जाने की हिम्मत है और न आलोचना सुनने की। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री जी संविधान को माथे पर लगाते हैं, लेकिन संभल, हाथरस और मणिपुर में जब न्याय की गुहार उठती है तो उनके माथे पर शिकन नहीं आती। शायद वह समझ नहीं पाए हैं कि भारत का संविधान ‘संघ का विधान’ नहीं है।

यह केवल संविधान नहीं .

प्रियंका गांधी ने कहा, यह सिर्फ एक दस्तावेज नहीं है..हमारा संविधान इंसाफ, उम्मीद, अभिव्यक्ति और अकांक्षा की वह ज्योति है जो हरंिहदुस्तानी के दिल में जलती है। उन्होंने कहा, उम्मीद और आशा की ज्योति हमने देश के कोने-कोने में देखी है। कांग्रेस महासचिव ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा, उन्नाव में मैं एक दुष्कर्म पीड़िता के घर गई..उस बच्ची के पिता ने कहा कि मुझे न्याय चाहिए । मेरी बेटी रोज सुबह उठकर अकेले अपना मुकदमा लड़ने दूसरे जिले में ट्रेन से जाती थी..उस बच्ची और देश की करोड़ों महिलाओं को ऐसी हिम्मत हमारे संविधान ने दी।

भाजपा की वाशिंग मशीन

प्रियंका गांधी ने कहा, भाजपा के पास वॉंिशग मशीन है जिसमें लोग जाते हैं और धुल जाते हैं। मुझे कुछ लोग (सत्तापक्ष की तरफ) दिख रहे हैं जो पहले इधर थे। अब शायद वो धुल गए हैं। कांग्रेस महासचिव ने कहा, सत्तापक्ष के मेरे साथी ज्यादातर अतीत की बातें करते हैं। कहते हैं- उस समय ऐसा हुआ, नेहरू जी ने क्या किया। आप वर्तमान की बात करिए। देश को बताइए कि आप क्या कर रहे हैं, आपकी जिम्मेदारी क्या है, या सारी जिम्मेदारी जवाहरलाल नेहरू जी की है? प्रियंका गांधी ने कहा कि पंडित नेहरू का नाम पुस्तकों से मिटाया जा सकता है, भाषणों से मिटाया जा सकता है, लेकिन आजादी और देश के निर्माण में उनकी भूमिका को कभी नहीं मिटाया जा सकता। कांग्रेस महासचिव ने उद्योगपति गौतम अदाणी का जिक्र करते हुए कहा कि एक उद्योगपति के लिए पूरे देश को नकारा जा रहा है।

लेटरल इंट्री आरक्षण को कमजोर कर रही है

उन्होंने कहा यह सरकार ‘लेटरल एंट्री’ और निजीकरण के जरिए आरक्षण को कमजोर करने का काम कर रही है। अगर लोकसभा चुनाव में ये नतीजे नहीं आए होते तो यह संविधान बदलने का काम करती। कांग्रेस नेता ने कहा, आज सत्तापक्ष बार-बार संविधान इसलिए कह रहा है, क्योंकि इस चुनाव में हारते-हारते जीनने के बाद उन्हें पता चल गया कि देश की जनता ही संविधान को सुरक्षित रखेगी और संविधान बदलने की बात इस देश में नहीं चलेगी। प्रियंका गांधी का कहना था कि आज जाति जनगणना का जिक्र सत्तापक्ष कर रहा है क्योंकि इस तरह के नतीजे आए। कांग्रेस सांसद का इशारा इस ओर था कि कुछ महीने पहले संपन्न लोकसभा चुनाव में भाजपा बहुमत से दूर रह गई और कांग्रेस की सीटों की संख्या 100 के करीब पहुंच गई।

जनता की मांग है कि जातिगत जनगणना हो

प्रियंका गांधी का कहना था, आज जनता की मांग है कि जातिगत जनगणना हो। जातिगत जनगणना इसलिए भी जरूरी है, ताकि पता चले कि देश में किसकी क्या स्थिति है और नीतियां उस हिसाब से बनें। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के लोकसभा चुनाव के समय दिए कुछ भाषणों का हवाला देते हुए कहा, नरेन्द्र मोदी की जातिगत जनगणना के लिए गंभीरता का प्रमाण देखिए। जब चुनाव में पूरा विपक्ष जातिगत जनगणना की बात कर रहा था, तब नरेन्द्र मोदी कह रहे थे- ये आपकी भैंस और मंगलसूत्र चुरा लेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आर्थिक न्याय का कवच तोड़ रही है। कांग्रेस सांसद ने दावा किया कि आज किसान भगवान भरोसे है।

इनपुट : भाषा: हक: वैभव

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