Bangladesh : hindu ; बांग्लादेश में हिंदुओं की हालात खतरान, RSS बोला रणचंडी का रूप धरो बांग्लादेश में हिंदुओं का कत्लेआम जो दिखाया जा रहा है , सच्चाई से वह कहीं अधिक है। वहां अराजकता की स्थिति में हालात और भी खराब हो रहे हैं। यदि भारत ने अंतरराष्ट्रीय संगठनों के जरिये बांग्लादेश पर दवाब नहीं डलवाया गया तो हालात बद से बदतर होते चले जाएंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ RSS ने भारत सरकार को स्पष्ट शब्दों में हिंदुओं की हालात बता दी है। संघ का कहना है कि हालात बहुत खराब हैं। हिंदुओं के अलावा अहमदी मुसलमानों का भी नरसंहार किया जा रहा है।
Bangladesh : hindu ; बांग्लादेश में हिंदुओं की हालात खतरान, RSS बोला रणचंडी का रूप धरो बेहद गंभीर मामला होने से होसबोले स्वयं बीजेपी मंत्रियों के पास
संघ की तरफ से संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ लम्बी बैठक की। करीब घंटे की यह बैठक रक्षामंत्री के घर पर हुई। सामान्य तौर पर संघ बीजेपी नेताओं को बैठक के लिए अपने दर पर बुलाता है लेकिन मामले की गंभीरता को एहसास दिलाने के लिए आरएसएस में दूसरे नंबर की हैसियत रखने वाल दात्तात्रेय होसबोले स्वयं भाजप मंत्रियों के पास गए,
जो दिखाया जा रहा, स्थिति उससे भी भयानक
सूत्रों ने बताया कि होसबोले ने बांग्लादेश Bangladesh में कार्यरत संघ के स्वयंसेवकों की तरफ से मिली सूचना से अवगत कराया। बैठक में बताया कि सोशल मीडिया पर और वायरल वीडियो में दिखाया जा रहा अत्याचार असल से दूर है। बहुत से इलाकों में अत्याचारी वीडियो नहीं बनाने दे रहे हैं। जो वीडियो बना रहा है उसको भी मौत के घाट उतार रहे हैं।
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अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की मदद लें
संघ ने बैठक में बताया कि सरकार स्यवं प्रयास करे, यदि स्वयं नहीं कर सकती तो एनजीओ या किसी मध्यस्त के जरिये बातचीत करनी चाहिए। संघ ने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन, रेडक्रास जैसे संगठनों के जरिये युद्ध स्तर पर मानवाधिकार के मुद्दे उठवाने चाहिए। यदि कोई गैर हिन्दू होता हो अभी तक दुनिया भर के मानववादी संगठन कैंडल मार्च कर रहे होते, लेकिन हिन्दुओं के बचाव में UNO, UNHRC कहीं से भी आवाज नहीं आ रही है.
16 अगस्त को मौन मार्च
पूरे वि का ध्यान आकषिर्त करने के लिए संघ की तरफ से 16 अगस्त को देशभर में मौन मार्च और प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें संघ के सभी संगठनों से मौन मार्च में शामिल होने को कहा गया है। संघ ने देश के सभी नागरिकों से बांग्लादेशी हिंदुओं के साथ खड़े होने का आह्वान किया है।
भारत विरोधी प्रायोजित कार्यक्रम है
अमानवता की जितनी हदे पार कर दी गई है नृशंशता की उसे देखिए, बांग्लादेश Bangladeshमें जो कुछ हो रहा है यह सब एक प्रायोजित कार्यक्रम है ठीक है ये भारत विरोधी प्रायोजित कार्यक्रम है भारत को अस्थिर करने की कोशिश है शेख हसीना भले ही ये कह रही है कि अमेरिका के इशारे पर उनकी सरकार गिराई गई सरकार अमेरिका के इशारे पर गिराई जा सकती है लेकिन वहां जो गतिविधियां हो रही है वो भारत विरोधी हो रही है और उनके लिए उनमें पाकिस्तान की आईएसआई पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी पाकिस्तान की सेना और पाकिस्तान की सरकार पूरी तरीके से शामिल है .
पाकिस्तान समर्थित लोग हैं
और उसके मोहरे के रूप में बेगम खालिदा जिया की बांग्लादेश Bangladeshनेशनलिस्ट पार्टी और जमाते इस्लामी जो कट्टर पंथी जिस शेख हसीना ने प्रतिबंध लगा लगा वो सारे सक्रिय है. बेसिकली देखिए शेख हसीना को आप इससे समझिए अगर यह पूरा आंदोलन शेख हसीना को हटाने तक था तो शेख हसीना हट गई थी उसके बाद हिंदू अल्पसंख्यक निशाने पर क्यों आ रहे हैं क्यों आ गए और बिल्कुल खुलम खुला कोई इनको रोकने वाला नहीं है मैंने उस दिन भी आपसे कहा था पाकिस्तान की पूरी कोशिश यह है कि बांग्लादेश को पूर्णता कट्टरपंथी इस्लामिक राष्ट्र के रूप में बना दिया जाए स्थापित जैसा कि पाकिस्तान में ठीक है ना और इसमें उनका पूरा साथ दे रहे हैं जमात इस्लामी बांग्लादेश का जब जन्म हुआ था ठीक उससे पहले यही स्थितियां थी तब भी पाकिस्तान के हुक्मरान पूर्वी बांग्लादेश के लोगों के साथ इसी प्रकार के च उ रहे थे जिस तरह से लेकिन उसमें उस वक्त फर्क यह था कि वो जो जो मुस्लिम थे
वो जो बंगाली मुस्लिम और उनका जो अत्याचार किया गया था वो पाकिस्तान या वेस्ट पाकिस्तान ने किया था हाँ वो बंगाली मुस्लिम थे प्लस हिंदू भी थे उसम तो परिस्थितियां उसी तरीके की सेम इस समय भी है हमारी सरकार पूरी तरीके से इन सारी चीजों का पता लगाने में पूरी तरीके से विफल रही विदेश नीति हो हमारा खुफिया तंत्र हो हमारा रक्षा तंत्र हो लेकिन सवाल अब सबसे बड़ा गंभीर यह है और यह चिंता का विषय है कि भाई चलिए ठीक है हम समय रहते उस चीज को समझ नहीं पाए या हमने उसको इतने गंभीरता से नहीं लिया कुछ भी आप उसको कहिए अब जब की यह घटनाए जब यह सारी चीज हो गई शेख हसीना हमारे भारत में है अब अगर उसके बाद भी इस तरीके की चीजें हो रही हैं तो खाली बयानबाजी से काम नहीं चलेगा .
खाली आप जो संदेश दे रहे हैं कि हमने अंतिम सरकार के जो मुखिया है मोहम्मद यूनुस से बात कर ली हमने वहां के प्रशासन से बात कर ली हमने यह लिया हमने वो कर लिया इन संदेशों से ये चीजें नहीं सॉल्व इसके लिए कड़े कदम की ज लेना पड़ेगा क्योंकि जब मोहम्मद नस विदेश में थे और तब उनका एक इंटरव्यू छपा था हमारे हिंदुस्तानी अखबार में इंडियन एक्सप्रेस में उनका इंटरव्यू छपा था तो उन्होंने बड़ा दुख जताया था कि भारत सरकार ने कहा है कि यह बांग्लादेश का अंदरुनी मामला है तो उन्होंने तब भी चेतावनी अंदरुनी मामला नहीं है ये बांग्लादेश का अंद मामला नहीं है.
उसके बहुत परिणाम आने वाले हैं तो मुझे लगता है कि हमारी तरफ से भी इसमें गड़बड़ी हुई है जो हमारे जयशंकर जी हैं विदेश मंत्री हैं उन्होंने एक बयान दे दिया कि ये तो आंतरिक मामला है मैंने आपसे मैंने क्या कहा कि सोवियत और रशिया ने रूस ने 10 12 महीने पहले भारत और बांग्लादेश दोनों को ये इनपुट दिया था कि आपके यहां अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की जा रही है ठीक है हमारा पूरा ध्यान अपने देश की अस्थिरता को बचाने में लगा रहा हमारे पड़ोस में क्या हो रहा है हम हम लगता है कि हम उधर हमने ध्यान ही नहीं दिया या हम किसी अंतरराष्ट्रीय दबाव के तहत हम वहां मौन रहे उनका आंतरिक मामला बताते र ये आंतरिक मामला नहीं है देखिए पड़ोस के घर में अगर पड़ोसी के घर में आग लगी और आप यह कहे कि पड़ोसी के घर में आग लगी है या उनके मिया बीवी के बीच में झगड़ा हुआ उन्होंने आग लगा दी इसमें हमारा कोई लेना देना नहीं है .
उनके घर का मामला है तो वो आग की लपट आपको भी जलाएंगे आपके घर तक भी पहुंचेंगी ठीक है ना यही हो रहा है वहां पर और यह संघ की चिंता का विषय नहीं है ये पूरे देश की चिंता का विषय जिस तरीके से हिंदुओं पर हिंदू अल्पसंख्यकों पर वहां पर अत्याचार किए जा रहे हैं और अत्याचार रुक नहीं रहे हैं सबसे बड़ी बात यह हालांकि अभी कुछ हिंदू संगठन अल्पसंख्यक संगठन सड़कों पर आए वो इसलिए आए कि उनके पास तो आगे खाई और पीछे कुआ उनके सामने तो इसके अलावा कोई चेहरा नहीं घर में भी मरना है तो सड़को पही मर जाए सड़कों पर सार्वजनिक तौर पर मरेंगे घर में तो उनके साथ बलात्कार हो रहा है हा तो वो सड़क पर आए और उन्होंने दबाव बनाने की कोशिश की और वो भी उसके पीछे भी आरएसएस है कि आरएसएस ने कहा है.
उनको क्योंकि आरएसएस rss का जो कार्यकर्ता है वो पूरी दुनिया में फैला हु और वो बहुत ही महीन व समाज के बीच में बैठकर काम करते हैं तो वहां उन्होंने कहा कि तुम सड़कों पर उतरो और य हिंदुस्तानी हिंदुओं को कहा कि तुम यहां भी सड़कों पर उतरो अपनी चिंता जता और आज उन्होंने जो रक्षा मंत्री वि और अपने जो गृह मंत्री हैं उनसे उन्होंने अपनी चिंता व्यक्त की कि यह जो मामला है इसको आप हल्के में मत लो बड़ी संख्या में लोग बॉर्डर पर खड़े हैं आप उनको अंदर नहीं आने दे रहे हैं और बारिश में ठंड में वहां भूखे प्यासे हैं उनकी आप कैसे उ उनकी रक्षा करोगे क्योंकि समस्या यह भी है कि उनके साथ दूसरे लोग भी आएंगे अगर हिंदुओ को हमने आने दिया दूसरे लोग भी आंगे अब उनको आने दे तो मुश्किल ना आने दे तो मुश्किल मैं अभी यही कहने जा रहा था जो आपने कहा कि उस दिन भी हम लोगों ने जब चर्चा की थी अभी दो तीन दिन पहले तब यही सब बातें की थी .
इसी पर चिंता व्यक्त की थी कि यह जो बॉर्डर पर जो या जो डर के लोग जो आना चाहते हैं हमारे यह सब उनको अलाउ नहीं कर रही है और कर भी नहीं सकती क्योंकि एक दो को अगर घुसाने का मतलब नहीं है वहां प बहुत बड़ी संख्या में वो लोग इकट्ठे हो गए वहां तो ये सारा जो चीज होंगी उनको हम लोग अभी उनको संभालने की स्थिति में नहीं है और उन्हीं की आड़ में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी या चाइना के लोग जो है असामाजिक तत्व को भी अंदर प्रवेश करवा सकते हैं तो ऐसी स्थिति में हमारे लिए यह चीज बहुत मतलब हलके लेने की नहीं है अगर संघ के इतने बड़े व्यक्ति ने भैया जी जोशी ने तीन चार दिन पहले ये बात कहा ता दता होले जीले जी नंबर टू पोजीशन में उनको बीजे बीजेपी के नेताओं से मिलना पड़ा नहीं तो आर एसस वाले मिलते नहीं है व बुलाते हैं पर चकि इतना बड़ा य गंभीर इशू है कि वह राना सिंह के घर गए वहां बुलाया और वहां उन्होंने बताया कि
आप इसको बहुत ही गंभीरता से लो और जितनी जो अंतरराष्ट्रीय एजेंसी है चाहे वो रेड से चाहे वो अंतरराष्ट्रीय ह्यूमन राइट कमीशन है उनसे बात करो उनसे कहो कि वहा दबाव डाले नहीं तो वहां जिस तरह से वो सड़कों पर मारकाट कर रहे हैं व स्थिति बहुत खतरनाक होने वाली है भा सम देखिए चीज क्या है कि जब आप बालाकोट कर सकते हैं पाकिस्तान को घुस के मार सकते हैं तो अब तीसरे कार्यकाल में इस चीज को लेकर तो कोई मजबूरी नहीं है ना कि आप कुछ कड़े कदम उठाइए वहां पर नहीं उठाना पड़ेगा प्रधानमंत्री बिल्कुल शांत है समझ नहीं आता कि प्रधानमंत्री वहां बोल क्यों रहे इतनी स्ट्रांग एक वॉइस जानी चाहिए कि आप अगर एक भी हिंदू को नुकसान हुआ तो हम तो आपको छोड़ेंगे नहीं उसके बाद से फिर मुझे लगता है सब मल जाएंगे.
देखिए ये आप आप ये कहा जा रहा है कि बैक डोर चैनल से कूटने प्रयास किए जा रहे हैं ये कट सरकार तब तो कटनास वा हां मोहम्मद यूनुस क्या है अमेरिका के प्यादे हैं प्यादे हैं वो अर्थशास्त्री वो पॉलिटिशियन दूसरी बात वहां पर सरकार में कौन-कौन है वो आंदोलनकारी लड़के जो हैं छात्र हैं वो भी है प्लस सारे वो लोग जो ज्यादातर भारत विरोधी भावनाए रखते हैं कुल मिला के और जिस तरह से शेख मुजीबुर रहमान का उन्होंने जो मूर्ति गिराई है उसे तो साफ साफ क्लियर कट है कि वो लोग हिंदुस्तान विरोधी है नहीं और इधर जो है इधर जो तेवर मोहम्मद यूनिस के तेवर भी जो दिखाई पड़ रहे हैं वो भी कोई बहुत भारत के लिए शुभ संकेत नहीं है वो भी पाकिस्तान के इशारे प ही चल रहे हैं अमेरिका के इशारे प ही च ब अमेरिका पर जो है भारत सरकार को बाइड से बात करनी चाहिए उनको बोलना चाहिए पर दबाव डालो नहीं ये तो देखिए कूटनीति में विदेश नीति में यह विदेश मंत्री को विदेश मंत्रालय को देश के प्रधानमंत्री को यह तय करना कि कहां से दबाव डलवाया जा सकता है .
एनएसए को ये तय करना कि कैसे किया जा सकता है किसी तीसरे पक्ष से बात करने की हमको जरूरत ही नहीं हम भारत तो खुद इतना सक्षम है ना पता नहीं कौन सी ऐसी मजबूरी है क्या चीज है जिसकी वजह से ये लोग जो है इसको इतने हल्के में ले रहे हैं अब तक तो वहां प मतलब कड़े संदेश तो दीजिए उनको संदेश भी आप ये दे रहे हैं कि भाई देखिए हम अभी क्या संदेश आया था कि अल्पसंख्यक की वहां की सुरक्षा अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बांग्लादेश सरकार का कर्तव्य है ये को बयान है कर्तव्य तो उनका क्योंकि वहां सरकार ही नहीं है ना जो अंतरिम सरकार है ये बेसिकली ये तो एक आईवाश है.
हां वो सड़कों पर तो वैसे ही है वो जितनी अराजकता है और जो संघ ने कहा है आज बीजेपी वालों से कि ये अराजकता और बढ़ेगी अभी ये नहीं कहा जो अंतरिम सरकार बन गई तो उसे कम हो जाएगी क्योंकि यूनुस दो तीन दिन से अपील कर रहे हैं जो आंदोलनकारी आप वापस अपने घरों में आ जाओ उनकी तो कोई सुन ही नहीं रहा है देखिए ये क्या ना ये ये आंदोलन उनके पास हाथ से निकल गया मैंने आपको कही थी ये आंदोलन अराजकता का ये आंदोलन अब उनसे निकल गया यस साहब किससे किससे अपील कर रहे हैं छ आंदोलनकारी छात्रों से अपील कर रहे कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा भी आप सुनिश्चित कीजिए और मगर बक्षी आंसू बहा रहे हैं कि साब अगर ऐसा नहीं कर पाए तो मेरा यहां आने का कोई मतलब नहीं दुनिया भर की चीज कर दूसरी बात सेना क्या कर रही है सेना जो है पूरी तरीके से आप इसी से समझ लीजिए कि जब सेना ने भाग भारत समर्थित शेख हसीना को एक तरीके से कर दिया तक्ता पलट कर दिया सेना आप यह नहीं कह सकते कि सेना की भूमिका नहीं है सेना की बिना भूमिका के यह काम संभव ही नहीं था तो सेना की भूमिका जो है.
वह आप यह मान के चलिए कि इस समय और जो जितने भारत समर्थक सेना में अधिकारी थे उन सबको सट कर दिया गया यह सीधा-सीधा संकेत ये है कि वहां की सेना जो है वो पाकिस्तान के इशारे पे ही काम कर रही है कट्टरपंथियों के इशारे पे नाच रही है और जमाती इस्लामी इस समय वहां बहुत बड़ा पूरा सारा कांड किए हुए और जो हिंदुओं के साथ नर संघार हो रहा है अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ उसमें जमाती इस्लामी के कार्यकर्ता ही वो छात्र के रूप में और उस तरीके से कौन पूछ रहा व छात्र भाई घर के अंदर घुस गए सड़क में जिस तरह से लोग न और जिस तरीके से कर रहे हैं कि पानी में डुबे दे रहे हैं यह करे दे रहे वो करे दे रहे दुनिया भर की चीजें हो रही है तो उस परे बहुत कड़े कदम की जरूरत है और तत्काल कदम उठाने की जरूरत बहुत ज्यादा जितना ज्यादा आप इसको डिले करते जाएंगे.
जितना ज्यादा आप इसमें देखो और इंतजार करो कि नीति अपनाएंगे उतना ही भारत के हितों के लिए नुकसानदायक बिल्कुल और हमारे जो हिंदुस्तान में जितने भी लोग है जो हमारे भारतीय लोग है उन सबको अपनी सोलिड दिखानी चाहिए जो बांग्लादेश में जो अत्याचार हो रहा है और एक आवाज जरूर उठानी चाहिए देखिए हम लोग क्या करते हैं कि जो जो लेफ्ट लोग है वोह देखिए पूरी दुनिया में किसी के साथ भी कोई घटना घटती है तो पूरी सब सोशल मीडिया पर एक्टिव हो जाते हैं और उसके प्रति अपनी जो व भावना व्यक्त करते हैं और उसकी एकजुटता का प्रदर्शन करते हैं लेकिन जब हिंदुओं पर अत्याचार होता है तब सब सन्नाटे में चले जाते हैं किसी का र नहीं बोलता ना किसी का ना कोई आवाज उठाता है ना कहीं कैंडल मार्च होता है अगर यही अगर कोई जो लेफ्ट देश होता चीन में ऐसा हो रहा होता.
चीन के साथ ऐसा हो रहा होता तो अभी हमारे देश में कैंडल मार्च निकल रहे होते देखिए ऐसा नहीं है अब सरकार को विपक्ष का भी साथ इस मुद्दे पर मिल रहा है ठीक है अखिलेश यादव ने भी यही बात कही है कि भाई हिंसा बंद होनी चाहिए सरकार को कड़े कदम उठाना चाहिए आज जो है प्रियंका गांधी ने भी इस पर बयान दे दिया खुल के दे दिया कांग्रेस ने भी ल बयान यह दे दिया है कि कल ही परसों दे दिया था कि भाई हिंदुओं के साथ जोहा घटनाएं हो रही है हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ वो चिंता का विषय है और सरकार को इस मामले में कड़े कदम उठाने चाहिए और सरकार साथ है ऑल पार्टी मीटिंग हुई थी तब भी सरकार ने यही कही थी कि सरकार इस पूरे विपक्ष जो है पूरा देश एक साथ है ठीक है ना पूरे विपक्ष ने सरकार को खुला हाथ दे दिया है अब आप विपक्ष में आरोप नहीं लगा सकते क्योंकि आल पार्टी मीटिंग में विपक्ष ने कहा कि हम आपके साथ है आप जो निर्णय दीजिए हम पूरा देश एक साथ है तो अब ये फैसला करना मोदी जी का काम है सरकार का काम है कि वह क्या फैसला लेती है
पूरा विपक्ष आपे साथ है
अब इसमें विपक्ष का रोना रोने से या कम्युनिस्ट का रोना रोने से व रोने का टाइम नहीं है इस समय इस समय है कार्यवाही का समय एक्शन का किस तरीके की कार्यवाही करनी है किस तरीके की नहीं करनी है मैंने आपको उस दिन भी बताई थी सिमोन पेरेज इजराइल के प्राइम मिनिस्टर हुआ करते थे और सूडान में जब घटना हुई तो उन्होंने अपने लोगों को कैसे निकाल लिया तो हमारे लिए ये भी संभव नहीं क्योंकि वो 8- 9000 की संख्या थी तो उन्होंने निकाल लिया ऑपरेशन चला दिया यहां करोड़ों की संख्या है ठीक है ना तो हमारे लिए भी संभ हम इनों को निकाल ले और निकाल के हम ले आए तो इसका मतलब ये कि हमको एक जो है मानिक शह की दोबारा जरूरत है हमें जसवंत सिंह की दोबारा जरूरत है मानिक साथ जिस तरह से उन्होंने साहस दिखाया था,
आज फिर इंदिरा गाँधी जैसी इच्छा शक्ति और फील्ड मार्शल मानेक शा के साहस जरूरत है
इंदिरा गांधी इंदिरा गांधी की दोबारा जरूरत और इंदिरा गांधी की जरूरत है क्योंकि इंदिरा गांधी जरूर थी इंदिरा गांधी Indra Gandhi का साहस था और उनको अटल बिहारी बा राजनीतिक नेतृत्व के इतने बड़े फैसले नहीं होते और अभी भी कोई हमारी सेना किसी चीज में कमजोर नहीं है हमारा खुफिया तंत्र किसी चीज में कमजोर नहीं उसको आप फ्री हैंड दे दीजिए अपने हिसाब से चीजों को टैकल कर लेगा ये मतलब यही तो मैं उस दिन भी कह रहा था और यह चीज हम आप नहीं समझ सकते कि ऐसा क्या मजबूरी है ऐसा कौन सा अंतरराष्ट्रीय दबाव है या किस वजह से जो है सरकार मतलब उतनी एक्टिव नहीं दिखाई पड़ रही देखिए हो सकता है वो अंदर कुछ पर्दे के पीछे से कर रहे हो मैं ये नहीं कह रहा हूं कि पर्दे के पीछे से नहीं कर रहे हो
बैकडोर जो चैनल से बात होती है कुछ ना कुछ कर रहे होंगे लेकिन वो बात चक अराजकता का हालत ऐसी पहुंच गई है कि वहां आपको फिर सख्त कारवाई करनी पड़े क्योंकि देखिए क्या है ना जंगल में मोर डाचा किसीने नहीं देखा आप पर्दे के पीछे क्या कर रहे इसका इससे देश के लोगों को कुछ नहीं मतलब फर्क पड़ता देश के लोगों को फर्क ये पड़ता है कि जो आप एक्शन कीजिए या संदेश दीजिए जो लोगों को समझ में आए कि भाई सरकार अपने स्तर पर ये कार्यवाही कर रही है और लोगों को लगे कि भाई ठीक है सरकार हमारी जो है हमारे अपने भाइयों की रक्षा के लिए मुझ लगता है कि हमारा अगर थल सेना अध्यक्ष अगर वहां के सेना अध्यक्ष से बात करते और उनसे कहते मतलब सरकार ही कहती कि भाई आप उनसे बात करो अपने समकक्ष से और सड़कों पर अपनी सेना को उतारो अगर आपको हमारी सेना की जरूरत है तो हम अपने कमांडो भी वहां देखिए ये ये मैंने क्या कहा ये सारी चीजें प्रायोजित है.
पहले दो दिन सेना के हाथ में चीजें रही हां उसके बाद अंतरिम सरकार हो गई सेना ने मैंने उस दिन भी कहा था आपको कि सेना हालात खराब कर रही है सेना ने सेना क्यों नहीं सड़क पर उतरी अगर अत्याचार हो रहे सेना जो है हां बैरक में कैसे बैठी हुई है बड़ी कमाल की बात है सेना वहां नहीं उतर रही पुलिस के थाने खाली पड़े हुए अभी भी खाली पड़े हुए हैं अभी स्थितियां वहां ठीक नहीं हुई है पूरी तरीके से ऐसी और अब अंतरिम सरकार भी बन गई तो अब किस लॉ एंड आर्डर के जिम्मेदार और इस वक्त अगर जो ये अराजकता फैला रहे हैं ये तो कल बांग्लादेश के लिए भी खतरनाक है तो बांग्लादेश को अगर अपने पांव पर खड़ा होना है तो अगर इसमें दो चार लोगों को अगर गोली उली मार दे अगर सेना या वहां की जो लोकल पुलिस है जितने अराजक तत्व है उनकी बात कर रहा हूं तो ये मुझे लगता है बाकी लोग अपने घरों में चले जाए भाई आप देखिए यही ये नजरिया कहा है हमारे आपकी नजर में राजक तत्व है लेकिन पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लिए या चाइना के लोगों के लिए उनको तो यह लग रहा है ये हीरो हैं इनके द्वारा हम भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.
भारतीयों को नुकसान पचा रहे अपना अपना नजरिया है तो वो अपने उस काम में सफल हो रहे हम अपने काम में उतना सफल होते नहीं दिखाई पड़ रहे हो सकता कोई रणनीति बन रही हो हो सकता कुछ हो रहा हो आप देखिए जैसे कि शेख हसीना को अभी शरणार्थी का दर्जा नहीं दिया गया लेकिन भारत में रखा गया इसके पीछे एक बड़ी कूटनीति है कूटनीति य भी कहा जा रहा है कि वो जैसे आज कहीं बयान आया वापस जाएंगे उन्ह लग अरे नहीं वापस वही कह रहा था उसी आ रहा था की पहले भी क्या जब जब सेना का ह हुआ और ज्यादा अत्याचार बढे और क्योंकि लोगों का जन समर्थन तो होता नहीं है सेना को या अंतरिम सरकार को तो चीजें फिर लोगों में गुस्सा हुआ और उसका फायदा आवामी लीग को मिला शेख हसीना ने वापसी की तो लेकिन ये एक लंबी प्रक्रिया है ये अभी तत्काल की नहीं कि साल छ महीने के अंदर वापस चले जाएंगे तब तक तो सारा काम हो जाएगा कोशिश यही हो रही है कि एक बार शेख हसीना की वापसी हो और शसी जाकर वहां फिर से अपने लोगों के बीच में करें और उसी तरीके की चीजें की जा रही है जो बयान जो अमेरिका वाला दिया गया वहां के लोगों को दिया गया क देखिए पाकिस्तान के अंदर भी क्या होता है कि पाकिस्तान की आम जनता अमेरिका विरोधी है.
पाकिस्तान के अंदर भी जब कोई चीज होती है नेताओं को कुछ करना होता तो तुरंत अमेरिका की आड़ लेते शेख हसीना ने ने भी वही आड़ ली कि अमेरिका के द्वारा ये सारी चीजें उन्होंने उन्होंने पाकिस्तान का नाम नहीं लिया चाइना का नाम नहीं लिया उन्होंने सीधे अमेरिका ठिकरा पोड़ दिया जिससे कि बांग्लादेश की आम बहुसंख्यक जनता जो है मुस्लिम जनता मुस्लिम जनता जो है वो अमेरिका से चढ़ते हैं तो वो इन्हें लगता है कि इसके द्वारा हमें सिंपैथी आ जाएगी यह सारी चीजें बहुत लंबे प्रोसेस की है टाइम लगेगा टाइम टेकिंग है अभी फौरी जरूरत ये है कि सरकार भारत सरकार को इस मामले में कड़ा रुक अख्तियार करना चाहिए जिससे शांति स्थापित हा शांति स्थापित हो हिंसा रुक नहीं रही जो लोग सड़कों पर उतरे हैं उनसे भी अपील किया जाए अपील ही नहीं बल्कि कठोर उनको संदेश दिया जाए कि अपने घरों पर जाए और जो स्टूडेंट है वो कम से कम अपनी पढ़ाई लिखाई में जुड़ जाए क्योंकि अल्टीमेटली कैरियर तो बना नहीं है और जो राजनीतिक वहां एक अस्थिरता आ गई है राजनीतिक कम से कम वहां ठीक हो और यूनुस सा भी वहां सरकार चलाए ,
आप हमारी खुफिया तंत्र रा का दुनिया में बोलबाला माना जाता रहा है आरन काव के जवाने से अब यह समय इस समय कि अगर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी वहां पर कुछ कर रही तो हमारी खुफिया एजेंसी को भी काउंटर वहां करना चाहिए ना कुछ अगर काउंटर आप करेंगे तो उसका रिजल्ट दिखाई पड़ेगा और काउ हमारे कम से कम हमारे अपने जो अल्पसंख्यक है हिंदू भाई है वो तो सुरक्षित होंगे उनके प्रति हिंसा तो कम होगी हा कम से कम उ डर तो लगेगा कि ये भी जो है रिट कर सकते हैं लेकिन पता नहीं अब उसम क्या हो.
क्योंकि बड़ी चिंता की बात है जो हमारा आरएसएस संगठन है सामाजिक संगठन जो हिंदुओ को जो उम्मीद की जानी चाहिए कि संघ अगर मतलब चल के आ रहा है सरकार के दरवाजे पर देखिए सबसे बड़ी बात क्या कि संघ सरकार के दरवाजे प चल के आया संघ की चिंता का प्रथम विषय है इस मब गंभीरता कितनी है कितनी गंभीरता और कितनी चिंता का विषय है ऐसे में अब देखने की जरूरत है कि की बात को सरकार कितना गंभीरता से लेती है हालांकि भैया जी जोशी तो चार दिन पहले ही कह चुके ठीक है और संघ के तमाम और अनु जो संगठन है वो आंदोलन भी कर रहे हैं ंड कर रहे मुझे याद है जब दत्तात्रय होस बोले जी ये मिले थे जब मणिपुर जल रहा था तभी हम लोगों से मिले थे तब भी उन्होंने कहा था कि मणिपुर मणिपुर के कारण नहीं जल रहा है वह चीन के कारण जल रहा है और उन्होने सरकार को जाक बताया था कि व मणिपुर को संभालो नहीं तो चीन वहा बहुत बुरी हालत करने वाला है. देखिए तो मणिपुर में सरकार तरीके से विफल र विफल इसलिए हुई कि उन्होंने एक्शन नहीं लि ठीक है ना पीएम मोदी अभी तक नहीं हु हां एक्शन नहीं लिया ना ठीक है ना और विपक्ष घेर रहा है विपक्ष गलत नहीं घेर रहा है.
चाइना, पाकिस्तान ने फ्रंट खोला है
ये वास्तविकता है और यह सत्यता है कि वहां पर जो है वो मणिपुर का मामला नहीं है वो चाइना का खेल है तो यही तो हमारी समस्या है कि हमारे बॉर्डर पर चाइना भी बहुत एक्टिव है और पाकिस्तान भी बहुत एक्टिव है और बांग्लादेश एक नया फ्रंट खुल गया है नया फ्रंट खुल गया इसलिए हमारे लिए चिंता का विषय ज्यादा है कि हम जो अंदरूनी झगड़े हैं हम उसको अरेस्ट करना उसको जेल भेजना ईडी के सा सीबीआई के छापे ये इशू अब छोटे हो गए हैं अभी तो हमको पूरा देश को एक नेशनल पॉलिटिक्स में लेकर और जो हमारी अंतरराष्ट्रीय सीमाए है उनको सुरक्षित रखना चुनौती हो गई है अब हम मालदीप में जाकर वहा मालदीप के मुजू सरकार को बनाने में और यूटन लेने में हम उनमें लगे हुए हमारी पहली प्राथमिकता बांग्लादेश में होनी चाहिए बांग्लादेश में होनी चाहिए हमारा मणिपुर होना चाहिए हमारा अरुणाचल होना चाहिए हमारा लदाख आप क्या देखिए ये बांग्लादेश में अगर इसी तरीके से स्थिरता रही और इसी तरीके से शांति फैली रही तो हमारे बॉर्डर के सारे राज्य आ जाएंगे पूर्वोत्तर के सब अब ये देखिए कि अगर मा वहां से करोड़ों लोग एक साथ आ गए हमारे बीएसफ में इतनी ताकत क्या उनको रोक वही मैं कह रहा हूं बहुत बड़ी समस्या हो जाएगी और अगर आप अंदर हमने लेने की भी कोशिश की तो हम मतलब अपने लोगों को खिला नहीं पा रहे उनको क्या करेंगे कहां करेंगे
यही प्रॉब्लम उस समय हुई थी तभी तो इंदिरा गांधी ने क थी सीधे हमला करके इनको वही का वनका देश बना दो वही समय जो इंदिरा गांधी वाली जो इच्छा शक्ति है राजनीतिक इच्छा शक्श वो उसकी इस जरूरत है और इस मुझे लगता है कि अपोजिशन कहीं भी इसमें पीछे नहीं हटेगा पूरा देश सर्ली बैठ आपके हाथों में सौप दिया कि आपको जो नि लेना लीजिए कोई उ बिल्कुल तो इस बार हम वाकई हम लोग इसमें बहुत दुखी है इसलिए दुखी है कि जो खबरें आ रही है
जो वीडियो आ रहे हैं उसे दिल दहला लेने वाली वीडियो है और जो आरएसएस ने जो आज बात कही है और 16 अगस्त को वो देश पूरे देश में मोन मार्ट से निकालेंगे अपनी एकजुटता दिखाने के लिए उम्मीद करनी चाहिए 15 अगस्त को लाल किरे से हो सकता मोदी जी कोई बड़ी कुछ बड़ी बड़ी अनाउंसमेंट कर द अगर अनाउंसमेंट करेंगे तो पूरा देश को अच्छा लगेगा बांग्लादेश को भी कड़ा मैसेज जाएगा और जाना बहुत जरूरी है न साब को बल्कि सम्मान से बुलाना चाहिए भैया आप कुछ करो क्योंकि सरकार के मुखिया हो आप तो मित्रों इसमें हम लोग लगातार नजर रखेंगे और हमारी तो चक हम कुछ नहीं कर सकते इसमें हम सिर्फ इसमें जागरूकता फैलाने के लिए लोगों को कह सकते हैं कि भाई जो अराजक तत्व है उनको सद्बुद्धि दे भगवान और वह अपने घरों में जाए और जो वहां हिंदू है या जो अहमदी है उनको कम से कम उनके साथ जो अत्याचार करें वो ना करें,