Uttarakhand : उत्तराखंड में जमीन की अंधाधुंध खरीद-फ़रोख्त को रोकने के लिए सरकार आगामी विधान सभा सत्र में सख्त विधेयक पेश करेगी। राज्य सरकार ने उन लोगों की जमीन वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिन्होंने अनुमति अनुबंधों का उल्लंघन किया और भूमि का दुरुपयोग किया है।
Uttarakhand 14 वर्ग किलोमीटर बन और वृक्ष क्षेत्र घटा
उत्तराखंड में भू-कानून बड़ा मुद्दा बना हुआ है। बाहरी लोग उत्तराखंड के लोगों की जमीन औने-पौने भाव में खरीद कर वहां पहाड़ों को काटकर होटल बना रहे हैं। भारतीय वन संस्थान की नवीनतम ‘भारत में वन स्थिति -2023’ में उत्तराखंड में 14 वर्ग किलोमीटर बन और वृक्ष क्षेत्र घटा है।
धोखे से खरीद-फ़रोख्त करने वालों के खिलाफ कार्रवाई
दिल्ली में एक मुलाकात में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार जमीन के दुरुपयोग और धोखे से खरीद-फ़रोख्त करने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। जिन लोगों ने जमीन खरीदते वक्त निवेश करने और रोजगार उपलब्ध कराने का वायदा किया था और वे अपने वायदे पर खरे नहीं उतरे उनकी जमीन वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। सरकार दुरुपयोग करने वालों को नहीं बख्शेगी।
आगामी विधानसभा सत्र में एक विधेयक पेश
श्री धामी ने कहा कि सरकार उत्तराखंड के भू-कानून को सख्त बनाने के लिए आगामी विधानसभा सत्र में एक विधेयक पेश करेगी। इस विधेयक के पारित होने के बाद सरकार ने उन्हीं लोगों को उत्तराखंड में जमीन खरीदने के लिए प्रोत्सांिहत करेगी जो यहां निवेश करने और रोजगार उपलब्ध करायेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो लोग अनुमति के अनुसार होटल बना रहे हैं और रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं, उन्हें राज्य में परेशानी नहीं होगी। लेकिन जिन लोगों को अस्पताल या होटल बनाने के नाम जमीन ली और उसका उपयोग अन्य कायरे के लिए कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्यवाही की जा रही है।
श्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण में अव्वल है। विकास कायरे के इंडेक्स में उत्तराखंड पहले स्थान पर है।