world sparrow day 2025 : कायनात फाउंडेशन ने विश्व गौरैया दिवस 2025 के अवसर पर कायनात इंटरनेशनल स्कूल, काको, जहानाबाद, बिहार में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य गौरैया के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करना और इन छोटे पक्षियों के बचाव के लिए सामूहिक प्रयासों को प्रोत्साहित करना था।
world sparrow day 2025: गौरैया संरक्षण की शपथ
कार्यक्रम में जामिया कायनात के छात्रों ने गौरैया संरक्षण की शपथ ली। छात्रों ने गौरैया के संरक्षण के लिए कई सुझाव दिए। रक़ीब मुस्तफा और अयान अंसारी ने गौरैया फीडर लगाने का सुझाव दिया, जबकि अब्दुल्लाह अर्फीन और साकिब मुस्तफा ने पेड़ लगाने और कीटनाशकों के उपयोग को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। वहीं, चाहत मल्होत्रा और अम्मार ने विद्यालय परिसर में घोंसले बनाने की पहल की, जिससे गौरैया के आवास को पुनर्स्थापित करने और जैव विविधता को संरक्षित करने में मदद मिलेगी।

गौरैया की घटती संख्या पर चिंता
कायनात फाउंडेशन के संस्थापक शाकिल ककवी ने गौरैया की घटती संख्या पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “गौरैया कभी हमारे घरों, बगीचों और गलियों में आमतौर पर देखी जाती थीं, लेकिन शहरीकरण, प्रदूषण और प्राकृतिक आवास की कमी के कारण इनकी संख्या घटती जा रही है। विश्व गौरैया दिवस हमें इनकी महत्ता याद दिलाने और इनके संरक्षण के लिए काम करने की प्रेरणा देता है।”

गौरैया और पारिस्थितिकीय संतुलन
गौरैया सदियों से मानव समाज का हिस्सा रही है। ये छोटे पक्षी न केवल हमारे पर्यावरण को संतुलित रखते हैं बल्कि हमारी संस्कृति और साहित्य का भी अहम हिस्सा हैं। हालांकि, माइक्रोवेव विकिरण, प्रदूषण, और हरियाली की कमी के कारण इनकी संख्या तेजी से घट रही है। इन मुद्दों को समझना और इनका समाधान ढूंढना हमें व्यापक पारिस्थितिकीय चुनौतियों से निपटने में मदद कर सकता है।

निष्कर्ष
विश्व गौरैया दिवस हमें यह याद दिलाता है कि गौरैया जैसे छोटे पक्षी भी हमारे पारिस्थितिकीय तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इनके संरक्षण के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। कायनात फाउंडेशन का यह कार्यक्रम न केवल जागरूकता फैलाने में सफल रहा बल्कि युवाओं को पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित भी किया।
#विश्वगौरैयादिवस #गौरैयासंरक्षण #कायनातफाउंडेशन #पर्यावरणसंरक्षण #जैवविविधता #शाकिलककवी #परिंदेहैंतोहमज़िंदेहैं